प्रयागराज और वाराणसी में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रयागराज में सोमवार को गंगा-यमुना में दो दिनों से बढ़ रहे पानी ने प्रयागराज और आसपास के इलाके में पांच लाख की आबादी के सामने गंभीर संकट पैदा कर दिया है। एक ओर जहां सैकड़ों घर बाढ़ की चपेट में हैं। वहीं हजारों लोगों के सामने खाने और पानी का संकट है। दोनों नदियों का जलस्तर 86 मीटर के पार है। यह खतरे के निशान 84.73 मीटर से ऊपर है।

सोमवार शाम थोड़ी राहत भरी सूचना आई कि यमुना का जलस्तर घटने लगा है और गंगा का स्थिर है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हेलिकॉप्टर से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर दो राहत शिविरों को भी देखा। बारिश और बाढ़ ने हरी सब्जियों का भाव भी उफान पर ला दिया है।
उधर, पूर्वांचल के मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी उफान पर है। भदोही को छोड़कर पांचों जिलों में गंगा खतरा बिंदु के ऊपर बह रही है। छह जिलों के 500 से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। वाराणसी में 2022 का रिकॉर्ड तोड़ने के बाद अब गंगा का पानी ट्रॉमा सेंटर वाली सड़क पर पहुंच चुका है। काशी में 84 घाट के 3000 से अधिक मंदिर डूब चुके हैं। अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिल रही।
बंद रहेंगे शिक्षण संस्थान
प्रयागराज में डीएम ने प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा-12 तक के सभी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों में सात अगस्त तक छुट्टी घोषित की है। सोनभद्र और चंदौली में आठवीं तक मंगलवार को अवकाश रहेगा। गाजीपुर में मंगलवार व बुधवार को 8वीं तक के स्कूल बंद रहेंगे।
वाराणसी में मंगल और बुध को 12वीं तक, मिर्जापुर में 12 तक के सभी विद्यालय सात अगस्त तक बंद रहेंगे। महोबा, हमीरपुर, जालीन, चित्रकूट, कानपुर और कानपुर देहात में आठवीं तक के स्कूल एक से दो दिन तक बंद रहेंगे।