कहां से किया था अरेस्ट?
अधिकारी ने कहा कि यदि किसी भी संपर्क के आतंकवाद से जुड़े होने की पुष्टि होती है, तो राष्ट्रीय एजेंसियां जांच का जिम्मा संभालेंगी। केरल के रहने वाले सिद्दीक (26) को लकड़गंज पुलिस ने सात मई को नागपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया था। जब भड़काऊ पोस्ट और हथियार थामे हुए उनकी तस्वीर समेत ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी की गई थी। इसके बाद उस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 149 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी करना), 192 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 351 (आपराधिक धमकी) और 353 (सार्वजनिक उपद्रव के लिए उकसाने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया।
डार्क वेब का इस्तेमाल
जांच अधिकारियों को संदेह है कि सिद्दीक ने विदेशी लोगों से संवाद करने के लिए शायद डार्क वेब का इस्तेमाल किया और वे फिलहाल उसकी डिजिटल गतिविधियों का विश्लेषण कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने के लिए भी काम कर रही हैं कि सिद्दीक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नुकसानदेह गतिविधियों में शामिल थे या नहीं।
क्यों पहुंचा था नागपुर?
सिद्दीक नागपुर में कानून के एक छात्र से मिलने पहुंचा था। दोनों पांच से सात मई तक एक होटल में रुके और राइफल शॉप पर गए, जहां सिद्दीक की हथियार पकड़े हुए तस्वीर खींची गई थी। इसी तस्वीर के बाद सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आईं और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस हिरासत के बाद सिद्दीक को सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
नागपुर एटीएस को सौंपा
11 मई को केरल में उसके घर की तलाशी ली गई, जिसमें कई दस्तावेज जब्त किए गए। इसके बाद मामला नागपुर एटीएस को सौंप दिया गया। सिद्दीक ने स्वतंत्र पत्रकार और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन की केरल शाखा का प्रमुख होने का दावा किया है। वहीं अधिकारियों ने आरोप लगाया कि सिद्दीक ‘‘प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का एक सक्रिय शहरी कार्यकर्ता’ है।