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Nagpur Violence Accused,नागपुर दंगा: आरोपी के परिजन बोले- बदले की भावना से हुआ डिमोलिशन, इमेज हुई खराब – nagpur violence accused family claim demolition happened out of revenge

Byadmin

Mar 26, 2025


नागपुर : 17 मार्च को हुई नागपुर सांप्रदायिक हिंसा के आरोपी यूसुफ शेख के भाई ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने सभी वैध दस्तावेज और निर्माण की स्वीकृति होने के बावजूद उनके घर के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया। अयाज़ शेख ने दावा किया कि उनके भाई यूसुफ शेख का मकान कानूनी रूप से बना हुआ है, लेकिन नागपुर नगर निगम (एनएमसी) ने सोमवार को उसकी बालकनी को अवैध बताकर ढहा दिया। अयाज़ ने इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई करार दिया।इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने यूसुफ शेख और सांप्रदायिक हिंसा के कथित मास्टरमाइंड फहीम खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस तोड़फोड़ पर रोक लगा दी।

अवैध हिस्सा ढहाने का दावा

अधिकारियों ने दावा किया कि फहीम खान का दो मंजिला घर अवैध तरीके से बना था इसलिए उसे पूरी तरह गिरा दिया गया। वहीं, यूसुफ शेख के महल गेट क्षेत्र स्थित मकान हाई कोर्ट के हस्तक्षेप और बुलडोजर से गिराए जाने पर उसकी रोक के बाद बच गया।

अयाज शेख का दावा

इस रोक के बाद अयाज़ शेख ने आरोप लगाया कि नागपुर नगर निगम ने ‘बदले की कार्रवाई’ की। तोड़फोड़ रुकने के बाद अयाज़ शेख ने मीडिया से कहा, ‘हमारा दंगों से कोई संबंध नहीं है। यह संपत्ति मेरे पिता की थी और 1970 के दशक से इसका मालिक मैं हूं। हम कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और हमारे इलाके में हिंदू-मुसलमान साथ रहते हैं।’

‘नगर निगम ने दस्तावेज लेन से किया इनकार’

अयाज़ शेख ने बताया कि नगर निगम ने घर के अवैध हिस्से को तोड़ने के संबंध में शनिवार को एक नोटिस जारी किया था जिसे घर की दीवार पर चिपका दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने नगर निगम के कर्मचारियों को संपत्ति के दस्तावेज और भवन निर्माण के लिए स्वीकृति पत्र दिखाए। उन्होंने हमें कहा कि ये दस्तावेज सिविल लाइंस स्थित एनएमसी कार्यालय में सत्यापन के लिए जमा करें। जब हम वहां पहुंचे, तो उन्होंने हमारे दस्तावेज लेने से इनकार कर दिया।’

फहीम खान का परिवार बोला- इमेज हुई खराब

उन्होंने बताया कि इसके बावजूद, हमने दस्तावेज डाक के माध्यम से एनएमसी को भेज दिए। हम सोमवार को फिर से एनएमसी कार्यालय पहुंचे, लेकिन तब तक वे तोड़फोड़ का आदेश जारी कर चुके थे। अयाज़ शेख ने दावा किया कि जब एनएमसी को पता चला कि उनके परिवार ने हाई कोर्ट का रुख किया है और कार्रवाई पर रोक की मांग की है तो निगम ने तोड़फोड़ की प्रक्रिया तेज कर दी और मकान का एक हिस्सा ढहा दिया।

अयाज़ शेख ने कहा कि हाई कोर्ट ने इस पर एनएमसी को फटकार लगाते हुए तोड़फोड़ पर रोक लगा दी लेकिन हमारी आर्थिक और सामाजिक छवि को बहुत नुकसान हुआ है।

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