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भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी फिर से टल गई है. स्पेस एक्स का अंतरिक्ष यान ड्रैगन उन्हें वापस लाने के लिए जाने वाला था.
लेकिन अंतरिक्ष यान के उड़ान से पहले ही इसमें लगे रॉकेट में ख़राबी की बात सामने आई. इसके बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस यात्रा को तत्काल रोक दिया.
नासा ने बताया है कि अंतरिक्ष यान में लगे रॉकेट के ग्राउंड सपोर्ट क्लैम्प आर्म के हाइड्रोलिक सिस्टम में ख़राबी आ गई थी. अब इस मिशन को फिर से 14 मार्च को लॉन्च किया जाएगा.
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 5 जून 2024 को परीक्षण मिशन के लिए बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से उड़ान भरी थी. उन्हें अंतरारष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से आठ दिन के बाद वापस लौटना था, लेकिन उन्हें अब तक वापिस नहीं लाया जा सका है.
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सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को लाने के लिए जाने वाले ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का यह दसवां मिशन था. इसे मिशन क्रू-10 का नाम दिया गया था.
इसमें कुल चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. इनमें अमेरिका के दो अंतरिक्ष यात्री ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के टाकुया ओनिशी और रूस के अंतरिक्ष यात्री किरिल पेसकोव सहित कुल चार यात्री हैं जो अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन जाने वाले थे.
वापसी में आख़िर दिक्कत क्या है?
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सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी में सबसे बड़ा कारण अंतरिक्ष यान स्टारलाइनर में आई ख़राबी को बताया जा रहा है.
उड़ान के दौरान जब यह यान आईएसएस के क़रीब पहुंचा तो उसमें समस्याएं पैदा हो गईं और उसके पांच थ्रस्टर्स बंद हो गए. अंतरिक्ष में वैक्युम होता है, ऐसे में थ्रस्टर्स यान को दिशा देने का काम करते हैं.
इसके साथ ही इस यान का हीलियम भी ख़त्म हो गया. इससे जलने वाले ईंधन पर यान को निर्भर होना पड़ा और दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी की योजना अटक गई.
यान में ख़राबी का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका. अगले कुछ महीनों में यान की तकनीकी ख़ामियां बढ़ती गईं. इसके कारण यान की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी को लेकर वैज्ञानिकों को चिंता होने लगी.
पिछले नौ महीने से दोनों की सुरक्षित वापसी का इंतज़ार है, लेकिन उन्हें वापिस लाने की योजनाएं कारगर साबित नहीं हो रही हैं.
स्टारलाइनर में पैदा हुई ख़ामियों के कारण दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी का ज़िम्मा एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को दिया गया है. मस्क की कंपनी के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के ज़रिए दोनों को वापस लाने की तैयारी है.
जहां पांच जून 2024 को बुच और सुनीता को अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन पर लेकर जाना बोइंग स्टारलाइनर का पहला मानव मिशन था, वहीं अभी तक स्पेसएक्स ने अंतरिक्ष में 13 मानव मिशन पूरे किए हैं. हालांकि नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत क्रू-10 स्पेसएक्स का दसवां मानव मिशन है.
ये पहली बार नहीं था जब बोइंग स्टारलाइनर में किसी तरह की दिक्कत सामने आई थी. इसकी पहली मानवरहित उड़ान दिसंबर 2019 में भेजी गई थी, लेकिन सॉफ़्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से ये उड़ान अंतरिक्ष स्टेशन तक नहीं पहुंच पाया.
नासा ने उस वक्त कहा था कि ऑटोमेशन और टाइमर्स में सामंजस्य न होने के कारण स्टारलाइनर को रास्ते से ही वापिस आना पड़ा था.
दूसरी कोशिश 2022 में की गई, जब मानवरहित यान को स्पेस स्टेशन के लिए भेजा गया. लेकिन यान में कुछ थ्रस्टर्स ने सही तरीके से काम नहीं किया.
2024 में नासा ने स्पेस स्टेशन में फंसे बुच और सुनीता को धरती पर लाने के लिए स्पेसएक्स को ज़िम्मेदारी दी. साथ ही कहा कि उन्हें फरवरी 2025 तक वापिस लाया जा सकता है.
लेकिन अब उन्हें लेकर आने वाले स्पेसएक्स के क्रू-10 मिशन में तकनीकी खामी के बाद इसे कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है. ये लॉन्च अब 14 मार्च को होगा.
पहली उड़ान में भी अटकी थी सुनीता की वापसी
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सुनीता विलियम्स की टल रही वापसी को लेकर कहीं न कहीं जनमानस में अब कोलंबिया यान की यादें कौंध रही हैं.
सुनीता विलियम्स के साथ यह पहला अवसर नहीं है जब उनकी अंतरिक्ष से वापसी अटकी है. उनकी पहली यात्रा में ही उनकी निर्धारित की गई वापसी अटक गई थी.
इस दौरान वह छह से अधिक महीने आईएसएस पर ठहरी थीं.
उस समय नासा अंतरिक्ष यान अटलांटिस प्रयोग कर रहा था. कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरने के बाद इसकी बाहरी सुरक्षा कवच में दरार आ गई थी. इसके बाद अंतरिक्ष केंद्र के कंप्यूटरों में ख़राबी आ गई थी.
सोलर पैनल की भी चार बार मरम्मत करने की कोशिश हुई थी. हालांकि इन ख़राबियों को दुरुस्त करने के बाद अटलांटिस से सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी हुई थी.
इसी यात्रा के दौरान उन्होंने किसी महिला द्वारा अब तक सबसे ज़्यादा समय तक किया गया स्पेसवॉक का रिकॉर्ड भी बनाया था. इस दौरान वह चार बार स्पेसवॉक पर गई थीं.
इससे पहले यह रिकॉर्ड अंतरिक्ष यात्री कैथरीन थार्नटन के नाम था. उन्होंने 21 घंटे से अधिक समय तक के स्पेसवॉक का रिकॉर्ड बनाया था.
क्या हुआ था कोलबिंया यान के साथ?
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अंतरिक्ष यान कोलंबिया की घटना से सबक लेते हुए नासा सुनीता की वापसी को लेकर कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता है.
कोलंबिया 1 फरवरी 2003 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. रॉकवेल इंटरनेशनल ने इसका निर्माण किया था.
इस यान ने पृथ्वी पर वापसी के दौरान जब वायुमंडल में प्रवेश किया तो यान के फ्यूल टैंक में लगे फोम इन्सुलेशन का एक टुकड़ा टूटकर गिर गया और ऑर्बिटर के बाएं पंख से जाकर टकराया.
इसके कारण यान को गर्म हवाओं से बचाने वाली टाइलें बुरी तरह से टूट गईं. इसके बाद 1650 सेल्सियस तक गर्मी सहन करने की क्षमता वाला ये विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
इस यान में भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्रा कल्पना चावला सहित सात अंतरिक्ष यात्री सवार थे. इससे पहले जनवरी 1986 में प्रक्षेपण के दौरान अंतरिक्ष शटल चैलेंजर के विस्फोट की घातक दुर्घटना हुई थी.
सुनीता की वापसी को लेकर बाइडन से क्यों खफा हैं ट्रंप
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सुनीता विलियम्स की वापसी में हो रही देरी को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बाइडन प्रशासन को घेर चुके हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों कहा, “आपको इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में नहीं रहना चाहिए था. हमारे इतिहास के सबसे नाकाबिल राष्ट्रपति ने आपके साथ ऐसा होने दिया, लेकिन यह राष्ट्रपति ऐसा नहीं होने देंगे.”
इस साल जनवरी में भी वह बाइडन प्रशासन को इस मुद्दे पर घेर चुके हैं.
ट्रंप ने इस साल जनवरी में ट्रूथ सोशल पर कहा था, “मैंने अभी-अभी एलन मस्क और स्पेसएक्स से उन दो बहादुर अंतरिक्ष यात्रियों (बुच विलमोर और सुनीता विलियम्स) को वापस लाने के लिए कहा है, जिन्हें बाइडन प्रशासन ने अंतरिक्ष में लगभग छोड़ दिया है. वे कई महीनों से स्पेस स्टेशन पर इंतज़ार कर रहे हैं. मस्क जल्द ही इस काम में लग जाएंगे. उम्मीद है कि सभी सुरक्षित होंगे”.
मस्क को क्यों दी गई वापसी की कमान?
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सुनीता और बुच को अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन पर लेकर जाने वाले बोइंग स्टारलाइनर यान की यह परीक्षण यात्रा थी.
इस यात्रा में ही यान में कई खामियां सामने आ गईं. इसके कारण स्टारलाइनर से अब इन यात्रियों की वापसी टाल दी गई है.
नासा किसी भी हाल में कोलंबिया जैसी दुर्घटना नहीं चाहता है. यही वजह है कि स्टारलाइनर से अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने की योजना को टाल दिया गया है.
नासा का कहना है कि अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी को लेकर चर्चा की गई जिसके बाद वोटिंग की गई थी. बोइंग के अलावा सभी ने इसके लिए मस्क के ड्रेगन क्रू पर भरोसा जताया था. वहीं बोइंग का कहना था कि स्टारलाइनर सुरक्षित यान है.
मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का अंतरिक्षयान ड्रैगन पहले ही कई सफल अंतरिक्ष यात्राओं को अंजाम दे चुका है. यही वजह है कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी में इसी यान का इस्तेमाल तय किया गया है.
ड्रैगन में क्या ख़ास बातें हैं?
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स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में मौजूद स्पेस स्टेशन तक लाया और वहां से धरती पर वापिस ले जाया जाता है.
इसे नासा की उस योजना के तहत विकसित किया गया था, जिसके तहत अंतरिक्ष स्टेशन की उड़ानों को अमेरिकी सरकार ने निजी कंपनियों को सौंप दिया था.
क्रू ड्रैगन, 16 ड्रेको थ्रस्टर्स से लैस है. इसे फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया जाता है. इसमें एक बार में सात अंतरिक्ष यात्री भेजे जा सकते हैं. इसे बार-बार प्रयोग किया जा सकता है.
यह यान अंतरिक्ष से वापसी में ध्वनि की गति से भी 25 गुना अधिक रफ़्तार से वायुमंडल से गुजरता है.
यह खुद ही अपने को अंतरिक्ष स्टेशन से जोड़ सकता है. इसकी उड़ान के दौरान अगर किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो इसमें एक लॉन्च एस्केप सिस्टम भी लगा हुआ है, जो क्रू ड्रैगन को रॉकेट से तुरंत अलग कर देता है.
अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से नीचे लाने के लिए इसमें पैराशूट भी लगाए गए हैं.
यह फ़्लाइट कंप्यूटर और थ्रस्टर्स फेल होने के बाद भी अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से धरती पर लाने में सक्षम है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित