नेपाल में अगले साल आम चुनाव होने है। इसके लिए देशभर में तैयारियां तेज है। राजनीतिक पार्टियों के बीच भी हलचल तेज है। खासकर अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की और उनकी पार्टी में। इसी बीच नेपाली पीएम सुशीला कार्की ने एक संबोधन के दौरान नेपाल की शांती और समृद्ध के लिए निजी क्षेत्र में सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक समृद्ध, शांतिपूर्ण और सभ्य देश का निर्माण केवल निजी क्षेत्र के सहयोग और साझेदारी से ही संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि सुशासन (गुड गवर्नेंस) किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक न्याय की मूल शर्त है।
प्रधानमंत्री कार्की फेडरेशन ऑफ नेपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफएनसीसीआई) द्वारा आयोजित ‘नेशनल इकोनॉमिक डायलॉग-2’ को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने बताया कि पूरा देश 5 मार्च 2026 को होने वाले आम चुनावों की तैयारी में जुटा है, और इस चुनाव के जरिए नेपाल टिकाऊ लोकतांत्रिक व्यवस्था की ओर आगे बढ़ेगा।
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निजी क्षेत्र को सहारा देने के लिए नेपाल सरकार की तैयारी
इस दौरान नेपाल के वित्त मंत्री रमेश्वर खनाल ने भी निजी क्षेत्र में सहयोग की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार निजी क्षेत्र को सहारा देने के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज लाएगी। उन्होंने बताया कि युवाओं के आंदोलन के कारण निजी क्षेत्र की कंपनियों को करीब 88 अरब नेपाली रुपए का नुकसान हुआ है।
वहीं गृह मंत्री ओम प्रकाश अर्याल ने कहा कि सरकार निजी क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर रही है। उन्होंने बताया कि हिंसक घटनाओं में शामिल 380 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 150 के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
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कुछ कानूनों में संशोधन की तैयारी में सरकार
इसके साथ ही नेपाल के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार उन कानूनों में संशोधन करने जा रही है जो उद्योगों के विकास में बाधा बन रहे हैं। साथ ही उद्योगों के सुव्यवस्थित संचालन और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। बता दें कि कार्यक्रम में एफएनसीसीआई के अध्यक्ष चंद्र ढकाल ने सरकार से आग्रह किया कि वह ऐसा माहौल बनाए जिससे व्यवसाय और उद्योग बिना रुकावट चल सकें। उन्होंने कानूनों को व्यवसाय-हितैषी बनाने की भी जरूरत बताई।