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New Income Tax Rule,फोन, कंप्यूटर, फेसबुक… सब चेक करेगा इनकम टैक्स विभाग, छूट बढ़ाने के बाद क्या है तैयारी? – your email and social media account can be accessed by income tax officers know the reason

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Mar 4, 2025


नई दिल्ली: सरकार ने सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है। लेकिन 1 अप्रैल, 2026 से आयकर विभाग को आपके सोशल मीडिया अकाउंट, निजी ईमेल, बैंक अकाउंट, ऑनलाइन निवेश अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और अन्य चीजों को देखने और उन तक पहुंचने का कानूनी अधिकार होगा। हालांकि ईमानदार टैक्सपेयर्स को इससे कोई परेशानी होगी लेकिन टैक्स चोरी करने वालों की खैर नहीं। नए आयकर कानून में अधिकारियों के पास यह अधिकार होगा। मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 132 अधिकारियों को तलाशी लेने और संपत्ति और खाता-बही जब्त करने की अनुमति देती है। यह तब होता है जब उनके पास सूचना और कारण हो कि किसी व्यक्ति के पास कोई अघोषित आय, संपत्ति या दस्तावेज हैं, जिन्हें वह जानबूझकर आयकर से बचने के लिए छिपा रहा है।मान लीजिए आपके पास एक गुप्त तिजोरी है जिसमें आप काला धन छिपाते हैं, तो आयकर विभाग उसे खोल सकता है। वर्तमान कानूनों के तहत ऐसा करने का एक तरीका यह है कि किसी भी दरवाजे, बॉक्स या लॉकर का ताला तोड़ा जा सकता है। ऐसा तब किया जा सकता है जब उनकी चाबियां उपलब्ध न हों और अगर उन्हें शक हो कि कोई अघोषित संपत्ति या खाता-बही वहां रखा जा रहा है। जैसे पुराने जमाने में चोर ताला तोड़कर अंदर घुसते थे, वैसे ही। लेकिन अब यह ताला आपके घर का नहीं, आपके कंप्यूटर का भी हो सकता है।

Income Tax: 40,000 टैक्सपेयर्स पर इनकम टैक्स विभाग की नजर! देशभर में एक्शन की तैयारी

क्या कहते हैं जानकार

नए आयकर बिल के तहत आयकर अधिकारियों को आपके कंप्यूटर सिस्टम या वर्चुअल डिजिटल स्पेस का एक्सेस दिया गया है। मतलब अब आपका कंप्यूटर, आपका ईमेल, आपका सोशल मीडिया, सब कुछ सरकार की नजर में है। आयकर विधेयक के क्लौज 247 के अनुसार यदि किसी अधिकृत अधिकारी के पास यह मानने का कारण है कि किसी व्यक्ति के पास अघोषित आय या संपत्ति है जो आयकर अधिनियम के दायरे में आती है, तो वह किसी भी दरवाजे, बॉक्स, लॉकर, तिजोरी, अलमारी या अन्य इंस्ट्रूमेंट का ताला तोड़ सकता है। वे किसी भी कंप्यूटर सिस्टम या वर्चुअल डिजिटल स्पेस में एक्सेस कोड को ओवरराइड करके एक्सेस प्राप्त कर सकते हैं।

इसका मतलब है कि अगर अधिकारियों को आप पर जानबूझकर आयकर चोरी करने का संदेह है तो वे आपके कंप्यूटर सिस्टम, ईमेल या सोशल मीडिया अकाउंट में सेंध लगा सकते हैं। सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर (हेड-टैक्सेशन) एस.आर. पटनायक का मानना है कि ऐसी तलाशी और जब्ती केवल एक अपवाद के रूप में की जा सकती है, नियम के रूप में नहीं। इसकी वजह यह है कि जब वर्चुअल डिजिटल स्पेस की बात आती है तो किसी व्यक्ति को गोपनीयता की उचित अपेक्षा होती है। मतलब आपकी ऑनलाइन निजता का सम्मान किया जाना चाहिए।

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