ग्रेटर नोएडा के कासना कोतवाली के सिरसा गांव की निक्की हत्याकांड की गुत्थी फॉरेंसिक रिपोर्ट, डिजिटल सबूत और गवाहों के बयानों से सुलझेगी। पुलिस की टीम इन बिंदुओं पर जांच कर रही है। निठारी केस और आरुषि हत्याकांड से सबक लेते हुए पुलिस फूंक-फूंककर कदम रख रही है।
मामले की जांच कर रही टीम के मुताबिक, घटनास्थल का निरीक्षण सबसे अहम है। बिस्तर, रसोई, गैस चूल्हा और आंगन का बारीकी से मुआयना किया जा रहा है। घर से मिट्टी का नमूना, जले कपड़े, थिनर की बोतल और लाइटर भी अहम हैं।
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Nikki murder case
– फोटो : अमर उजाला
एफएसएल (फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला) रिपोर्ट तय करेगी कि आग लगाई गई थी या आकस्मिक रूप से लगी थी। आरोपी विपिन के बेडरूम की दरवाजे-खिड़की की स्थिति भी जांच का हिस्सा है।
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घर के नीचे पति विपिन और अन्य
– फोटो : वीडियो ग्रैब
बेहद महत्वपूर्ण हैं सीसीटीवी फुटेज
केस में सीसीटीवी फुटेज बेहद महत्वपूर्ण है। पुलिस पड़ताल कर रही है कि घटना के वक्त आरोपी सच में बाहर थे या नहीं। साथ ही फुटेज के टाइम और तकनीकी एंगल से छेड़छाड़ की संभावना की भी जांच हो रही है।
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Nikki Murder Case
– फोटो : अमर उजाला
पड़ोसियों और सबसे पहले मौके पर पहुंचे लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। चीख-पुकार सुनी गई थी या नहीं? कोई भागता दिखा या नहीं? यह सब गवाहों से साफ होगा।
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निक्की की फाइल फोटो
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
डॉक्टर की मौजूदगी में दर्ज किया गया बयान
निक्की का मरणासन्न बयान (डाइंग डिक्लेरेशन) भी पुलिस के लिए अहम साबित हो सकता है इसलिए डॉक्टर की मौजूदगी में दर्ज किया गया बयान महत्वपूर्ण है। इसके अलावा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह तय होगा कि मौत हत्या से हुई या आत्महत्या थी या दुर्घटना। इसलिए पुलिस सभी का गहनता से विश्लेषण कर रही है।