गुस्से में नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने लोकसभा में आगे कहा कि 12 बजे रात में इस देश पर इमरजेंसी थोपने वाले आप लोग हैं। आप लोगों को बर्दाश्त नहीं होता है कि कोई दूसरा राज करे। कोई जरूरी नहीं थी कि हम लोगों की सरकार बनती। राज्यपाल के हाथ में अधिकार था। लेकिन अवसर नहीं दिया, लोकतंत्र का गला घोंटा और ये आपके गले का फांस बना है और फांस बनेगा। हमने कल राष्ट्रपति जी से भी मुलाकात की। वहां भी कहा। और कहा है कि ऐसे राज्यपाल को हटाया जाए। लेकिन मुझको मालूम है कि आप नहीं हटाएंगे।
कांग्रेस की भविष्यवाणी
नीतीश ने गुस्से में आगे कहा था कि आप नहीं हटाइए। ये हम लोगों को राजनीतिक तौर पर कोई नुकसान नहीं देगा। ऐसे राज्यपाल का वहां बने रहना। विधानसभा का विघटन किया जाना। बिना सरकार बनाने का अवसर दिए हुए 79 दिन के अंदर- अंदर, मुख्य सचिव को बाईपास करके काम करना। किस प्रकार का राज चल रहा है इसको बताना। अच्छे अधिकारियों को प्रताड़ित करना। और जो बेसहारा चल नहीं सकता। वैसे लोगों को महत्वपूर्ण जगहों पर पदस्थापित करना। जिस प्रकार का आप राज चला रहे हैं। मुबारक हो आपको। आप ऐसे राज्यपाल को रखिए। वो आपके ताबूत का आखिरी कील साबित होगा। और इस बहस के बाद हम लोग फिर मिलेंगे।
कांग्रेस पर गरजे नीतीश
नीतीश ने आगे कहा कि आप एक्सटेंशन करना चाहते हैं। इतनी जल्दी थी। रात में आप कैबिनेट मीटिंग बुलाकर भंग करते। तत्काल क्यों नहीं चुनाव कराए। क्यों नहीं जुलाई में चुनाव कराए। जुलाई में कहा गया कि बाढ़ आएगी। इलेक्शन कमीशन की टीम जाती है। हर जगह। हर जिले से एक ही रिपोर्ट कि बाढ़ आ जाएगी। कहां बाढ़ आई। हमने इलेक्शन कमीशन से मुलाकात करके बार- बार कहा कि कोई बाढ़ नहीं आएगी। आज 2 अगस्त को हम लोग चर्चा कर रहे हैं। कहां बाढ़ आई। जुलाई में चुनाव हो सकता था। इस बहस की कोई जरूरत नहीं पड़ती। वहां पॉपुलर गवर्नमेंट इंस्टॉल होती। आपका दावा है कि लोकप्रियता में कोई ह्रास नहीं होता, तो आप सरकार बनाते। आप सरकार से बाहर हैं, आप सरकार वहां नहीं बना सकते। लोकतंत्र के चलने के लिए जरूरी है कि लोकप्रिय सरकार हों।