• Thu. Aug 21st, 2025

24×7 Live News

Apdin News

OLA-Uber को टक्कर देगी ये सरकारी टैक्सी सेवा, यात्रियों को होगा जबरदस्त फायदा

Byadmin

Aug 19, 2025


ओला-उबर की मनमानी के बाद सरकार सहकारी क्षेत्र में टैक्सी सेवा शुरू करने जा रही है। यह सेवा दिल्ली और गुजरात से शुरू होगी फिर पूरे देश में फैलेगी। चालकों को कमीशन नहीं देना होगा जिससे उनकी आय बढ़ेगी और यात्रियों को भी फायदा होगा। सहकारी समिति में चालकों की सीधी भागीदारी होगी।

अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। ओला -उबर जैसी टैक्सी सेवा ने शहरी क्षेत्रों में परिवहन की एक क्रांति लाई थी। लेकिन धीरे धीरे मनमानी की वजह से यह सेवा भी ग्राहकों के लिए सिरदर्द बनने लगी है। अब सरकार सहकारिता क्षेत्र में एक नई क्रांति कर न इसी तर्ज पर टैक्सी सेवा की शुरूआत करने जा रही है जो चालक और उपभोक्ता दोनों के लिए लाभदायक होगी।

शुरुआत दिल्ली और गुजरात से की जा रही है। बाद में इसे पूरे देश में जिलास्तर तक ले जाने की योजना है। सहकारिता मंत्रालय ने सहकार टैक्सी सेवा के लिए को-ऑपरेटिव लिमिटेड का गठन कर दिया है। ऐप बनाने का काम जारी है, जिसे सहकारी मॉडल के अनुरूप विकसित किया जा रहा है।

टैक्सी चालकों को अधिक फायदाअभी तक टैक्सी चालकों को अपनी कमाई का 20 से 30 प्रतिशत तक कमीशन ओला और उबर जैसी कंपनियों को देना पड़ता है।

कमीशन न कटने से हर राइड पर अधिक आय होगी

सहकारी माडल में उनकी पूरी कमाई लगभग उन्हीं की होगी। कमीशन न कटने से हर राइड पर अधिक आय होगी। वहीं उपभोक्ता के बिल में भी कमी आएगी। पिछले वर्षों में यह देखा गया है कि ओला उबर इस कमीशन के कारण ही सिर्फ अपने मनमाने रूट पर ही चलना चाहते हैं। कई बार घंटो प्रतीक्षा कराई जाती है।

राइड कैंसल होने की पैसा काटा जाता है। सहकारी समिति में चालक एक सदस्य की तरह शामिल होंगे, इसलिए नियम, किराया और शर्तें तय करने में उनकी सीधी भागीदारी होगी। उन्हें मनमाने जुर्माने और अकाउंट ब्लाक जैसी समस्याओं से भी राहत मिलेगी। समिति की नियमावली में चालकों को सुरक्षा बीमा, लोन और अन्य सुविधाएं देने का प्रावधान है।ओला-उबर को सीधी चुनौतीसहकारी टैक्सी सेवा में किराया नियम स्पष्ट और पारदर्शी होंगे।

अधिक मांग पर अचानक किराया नहीं बढ़ेगा, जिससे यात्री आकर्षित होंगे। यात्रियों में स्वदेशी भावना भी जागेगी। उन्हें लगेगा कि विदेशी कंपनियों को कमाई कराने से बेहतर है कि वे स्थानीय चालकों को फायदा पहुंचाएं। ड्राइवरों को ज्यादा आय मिलने से वे निजी कंपनियों को छोड़कर सहकारी टैक्सी सेवा से जुड़ेंगे।

सहकारिता को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों से चालकों को लाइसेंस और सरकार की ओर से वित्तीय मदद भी आसानी से मिल सकेगी, जिससे ओला-उबर पर दबाव बढ़ेगा।यात्रियों को होगा फायदायात्रियों की शिकायतों का निवारण जल्दी होगा, क्योंकि ड्राइवर और संस्था दोनों स्थानीय होंगे।

सहकारी संस्था होने से यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा कि यह किसी मुनाफाखोर कंपनी की सेवा नहीं है। उन्हें यह संतोष भी होगा कि उनका पैसा सीधे ड्राइवर की जेब में जा रहा है, किसी बिचौलिये के पास नहीं। ड्राइवर स्वयं मालिक होने के कारण यात्रियों के साथ बेहतर व्यवहार रखने का प्रयास करेंगे। इस प्रकार यह सेवा यात्रियों और चालकों दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

यह भी पढ़ें- गुरुग्राम में फोन चोरी पर युवक से मारपीट, सिर आधा गंजा कर छत से धक्का देकर हत्या; 2 आरोपी गिरफ्तार

By admin