मंगलवार को लोकसभा में एक देश एक चुनाव विधेयक को पेश किया गया था। विधेयक अगर संसद से पास भी हो जाता है तो लोकसभा के साथ सभी विधानसभाओं का चुनाव 2034 में हो सकता है। विधेयक लोकसभा में पेश होने के बाद संयुक्त संसदीय समिति को चला गया है। इसे संसद से पारित करा लिया जाता है तो भी इसका क्रियान्वयन 2034 में ही संभव होगा।
नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। ‘एक देश, एक चुनाव’ से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक भले ही लोकसभा में पेश कर दिया गया हो, लेकिन संसद से पास होने के बावजूद लोकसभा के साथ सभी विधानसभाओं का चुनाव 2034 में हो सकता है।
कब होंगे एक साथ चुनाव?
इसके लिए 2029 के लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभाओं के चुनाव को 2034 के लोकसभा चुनाव तक की बाकी अवधि के लिए कराया जा सकता है। ताकि सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2034 में लोकसभा के कार्यकाल के साथ समाप्त होकर एक देश, एक चुनाव को मूर्त रूप दिया जा सके। ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक लोकसभा में पेश होने के बाद संयुक्त संसदीय समिति को चला गया है। पूरी चर्चा के बाद इसे संसद से पारित करा लिया जाता है तो भी इसका क्रियान्वयन 2034 में ही संभव होगा।
दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार संशोधन विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं के बीच में भंग होने की स्थिति में पांच साल में से बाकी बचे समय के लिए चुनाव कराने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रविधान का इस्तेमाल करते हुए 2029 के बाद होने सभी विधानसभाओं के कार्यकाल को 2034 तक के लिए निर्धारित किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2027 और उसके बाद 2032 में होना है। ऐसे में 2032 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा का चुनाव सिर्फ दो वर्षों के लिए होगा। इससे 2034 में लोकसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा।
जेपीसी में होगी व्यापक चर्चा
कोविंद समिति ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने और स्थानीय निकायों के चुनाव उससे अलग कराने की सिफारिश की थी, जिसे संशोधन विधेयक में भी शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि संयुक्त संसदीय समिति विभिन्न विधानसभाओं के अध्यक्षों के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक चर्चा करेगी।केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मौजूदा कार्यकाल में ही ‘एक देश, एक चुनाव’ को साकार करने का ऐलान कर चुके हैं। लेकिन लोकसभाओं और विधानसभाओं के कार्यकाल को देखते हुए 2029 में उनका चुनाव एक साथ कराना संभव नहीं होगा। इसके लिए कुछ विधानसभाओं के कार्यकाल को बढ़ाना पड़ सकता है। लेकिन मौजूदा संशोधन विधेयकों में लोकसभा या विधानसभा का कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है।
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