दहशतगर्दों को कड़ा सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना ने बीते मई माह में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। इस कार्रवाई के तहत सेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर, मुरीदके में हमले कर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। करीब आधे घंटे की इस कार्रवाई से तिलमिलाए पड़ोसी देश पाकिस्तान ने बीते करीब पांच महीने में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार और प्रोपेगेंडा में कोई कसर बाकी नहीं रखी। हालांकि, भारत ने पड़ोसी की हर बेशर्मी, हिमाकत और सैन्य दुस्साहसों का माकूल जवाब भी दिया है। अब एक बार फिर भारतीय सेना के सर्वोच्च अधिकारी- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान ने पड़ोसी को आगाह किया है। उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए साफ किया है कि भारत ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ के लिए हर समय तैयार है।
वीरभूमि राजस्थान के अनूपगढ़ में गरजे सीडीएस चौहान
दरअसल, राजस्थान के अनूपगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने देश के सैनिकों के बीच कहा, ‘मेरा इरादा यही था यहां आने का कि खुद आकर देखूं कि अगर ऑपरेशन सिंदूर 2.0 होता है तो हमारी मिलकर तैयारी कितनी है?’ उन्होंने कहा, जो ब्रीफिंग मुझे मिली है उसे देखकर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। कल शाम को भी जो मैंने बातचीत की, कल शाम को जो ब्रीफिंग मिली, बाकी जगहों पर हुई भी बातचीत से भरोसा मजबूत होता है।
जब भी मौका मिलेगा… नतीजा हमारे फेवर में होगा
कॉम्बैट यूनिफॉर्म में सैनिकों और अन्य अफसरों के बीच पहुंचे सीडीएस चौहान आत्मविश्वास से लबरेज दिखे। उन्होंने कहा, मुझे पूरा यकीन है कि अगर ऐसा मौका मिलेगा तो हम उसके लिए पूरी तैयारी से जुटे हुए हैं। चाहे वह रिसाला की जरूरत हो, ट्रेनिंग की जरूरत हो, कमांड कंट्रोल की जरूरत हो। उन्होंने कहा, ‘अब ये मौका हमें भगवान देगा, वाहे गुरु देगा, परवरदिगार देगा, वो तो मैं नहीं बोल सकता हूं… लेकिन मैं यही बोल सकता हूं कि अगर ये मौका जब भी मिलेगा… तो आप उसमें बिल्कुल अच्छी तरह, अच्छे नतीजे की तरफ बढ़ेंगे और नतीजा हमारे फेवर में होगा।
पूरी दुनिया ने पहलगाम आतंकी हमले की एकस्वर में निंदा की
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और सेना की जवाबी कार्रवाई को मिले पूरी दुनिया से मिले समर्थन का जिक्र करते हुए सीडीएस जनरल चौहान ने कहा, विश्व एकजुट होकर हमारे साथ खड़ा हुआ। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व ने भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर हमले की निंदा की।
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सात ठिकानों पर थलसेना, जबकि दो पर भारतीय वायुसेना ने की कार्रवाई
6-7 मई की दरम्यानी रात ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई के बारे में सीडीएस चौहान ने बताया, इसमें हमने यकीन किया था कि कोई भी निर्दोष नहीं मारा जाना चाहिए। हम उस समय सैन्य ठिकानों को भी बर्बाद नहीं करना चाहते थे। सेना केवल आतंकी ठिकानों और वहां दहशतगर्दों को प्रशिक्षण देने वाले लोगों को मिटाना चाहती थी। आतंकियों को तरबीयत देने वाले आकाओं को भी नष्ट करना चाहते थे। यही नौ ठिकानों पर किया गया, सात ठिकानों पर थलसेना ने कार्रवाई की, जबकि दो पर भारतीय वायुसेना ने सटीक हमले किए। टार्गेट को बर्बाद करने का सबूत भी पूरी दुनिया को दिखाया गया।
क्या भारत के ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 100 से अधिक फौजियों की मौत?
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तानी खेमे को हुए नुकसान के पहलू पर कहा, पहले खबर आई जिसमें तकरीबन 35-40 लोगों के मारे जाने की बात आई। हालांकि, जब 14 अगस्त को उन्होंने गलती से एक लिस्ट जारी कर दी थी, जिसमें 100 से भी अधिक नाम थे, जो खत्म हुए। बकौल चौहान, ‘ये मैं फौजियों की बात कर रहा हूं, जो वहां पर खत्म हुए। टेररिस्ट बहुत ही ज्यादा थे, आतंकियों को तो गिनते ही नहीं।’
इस बार हम संयम नहीं रखेंगे, आतंकवाद रोकना ही होगा
उन्होंने कहा, इस बार भारत पूरी तैयारी के साथ है। इस बार हम संयम नहीं रखेंगे जैसी ऑपरेशन सिंदूर 1.0 के समय रखी गई। इस बार हम आगे की कार्रवाई करेंगे। कुछ ऐसी कार्रवाई करेंगे.. हो सकता है पाकिस्तान को सोचना पड़े कि उसे इतिहास में, भूगोल में रहना कि नहीं रहना। अगर उसे भूगोल में अपनी जगह बनानी है तो उसके लिए उसे स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म यानी जो देख आतंकवाद को पनाह दे रहा है, उसे उन्हें रोकना ही पड़ेगा।
रक्षा मामलों के जानकार भी सेना के समर्थन में
यह भी दिलचस्प है कि रक्षा विशेषज्ञ अनिल गौड़ ने भी भारतीय सेना के रुख का समर्थन किया है। शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के ऑपरेशन सिंदूर पर दिए गए बयान को लेकर गौड़ ने कहा, को भारत में आतंकवादी भेजना बंद करना चाहिए और राज्य प्रायोजित आतंकवाद को समाप्त करना चाहिए, अन्यथा एक राष्ट्र के रूप में उसका भविष्य खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया है कि भारत क्या कर सकता है, और इस बार उनका मन बिल्कुल दृढ़ है कि कार्रवाई सिर्फ आतंकवादी ठिकानों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें सैन्य और नागरिक प्रतिष्ठान भी शामिल होंगे। गौड़ के इस बयान से पहले सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने राजस्थान दौरे पर सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों का आकलन किया। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर वह आतंकवाद को प्रायोजित करना जारी रखता है, तो भारत ‘सिंदूर 2.0’ में वैसा संयम नहीं दिखाएगा जैसा उसने ऑपरेशन ‘सिंदूर 1.0’ के दौरान दिखाया। अगर पाकिस्तान ‘भौगोलिक रूप से अस्तित्व बचाना चाहता है’ तो उसे अपने तौर-तरीके बदलने होंगे।
हमने आतंकवादियों का धर्म नहीं पूछा: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को रेखांकित किया। भारतीय सेना की तरफ से 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक , 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2025 में ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, जब भी भारत का गौरव और सम्मान दांव पर लगा है, हमने हमेशा कोई समझौता नहीं किया है। जब हमने पहलगाम आतंकवादी हमले का जवाब दिया, तो हमने आतंकवादियों का धर्म नहीं पूछा – हमने आतंकवाद को निशाना बनाया, न कि नागरिकों या सैन्य प्रतिष्ठानों को।’ राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत का उद्देश्य दूसरों पर प्रभुत्व स्थापित करना नहीं है, बल्कि अपने सांस्कृतिक मूल्यों, आध्यात्मिक परंपराओं और भगवान महावीर द्वारा सिखाए गए मानवीय आदर्शों की रक्षा करना है।
पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ? वायुसेना प्रमुख ने दी जानकारी
इससे पहले वायुसेना प्रमुख ने भी पाकिस्तान की कपोल कल्पनाओं और भ्रामक दावों की पोल खोली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान को लेकर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘जहां तक पाकिस्तान के नुकसान का सवाल है…हमने बड़ी संख्या में उनके हवाई अड्डों और प्रतिष्ठानों पर हमले किए। इन हमलों के कारण पाकिस्तान के कम से कम चार जगहों पर रडार, दो जगहों पर कमांड और कंट्रोल सेंटर, दो जगहों पर रनवे क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा तीन अलग-अलग स्टेशनों में उनके तीन हैंगर क्षतिग्रस्त हुए। भारत की ओर से किए गए इन हमलों में पाकिस्तान के कम से कम 4 से 5 लड़ाकू विमान, संभवतः एफ-16 तबाह हुए हैं।
क्या है भारत का ऑपरेशन सिंदूर, सेना ने किन ठिकानों को मिट्टी में मिलाया?
बता दें कि इसी साल 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। पाकिस्तान के आतंकवादियों ने पहलगाम की बैसारन घाटी में छुट्टियों का आनंद ले रहे पर्यटकों की नृशंस हत्या कर देश की अस्मिता को ललकारा था। इस कायराना करतूत के करीब 14 दिन बाद भारतीय सेना ने 6-7 मई की दरम्यानी रात करीब 1.05 से डेढ़ बजे के बीच पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) और पाकिस्तान की सीमा के भीतर पल रहे दहशतगर्दों का नामोनिशां मिटाने के लिए एयरस्ट्राइक की। भारत ने नूर खान एयर बेस और रहीमयार खान एयर बेस को भी निशाना बनाया था। भारतीय सेना ने कुल नौ ठिकानों को नेस्तनाबूद किया, जिसमें चार पाकिस्तान में हैं, जबकि पांच पीओजेके में। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में एक चर्चा के दौरान साफ किया था कि सेना की इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। देश की सेना ने जिन प्रमुख आतंकवादी संगठनों की कमर तोड़ी, इनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के नाम शामिल हैं।