पहलगाम हमले को लेकर दुनियाभर से भारत को मिल रहे समर्थन के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सात अस्थायी देशों के अपने समकक्षों के साथ फोन पर बात की। इस दौरान विदेश मंत्री ने उन्हें आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति से अवगत कराया।
सुरक्षा परिषद में एक बार फिर हो सकती है पहलगाम हमले के मुद्दे पर चर्चा
जयशंकर की अल्जीरिया, ग्रीस, गुयाना, पनामा, स्लोवानिया, सिएरा लियोन और सोमालिया के विदेश मंत्रियों के साथ फोन पर बातचीत ऐसे समय पर हुई, जब यूएनएससी ने 25 अप्रैल को एक बयान जारी करके पहलगाम हमले की कड़ी आलोचना की थी। हालांकि, इस बयान को पर्याप्त नहीं माना गया। समझा जाता कि सुरक्षा परिषद में एक बार फिर पहलगाम हमले के मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है।
विदेश मंत्री ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि गुयाना के विदेश मंत्री ह्यूग हिल्टन टॉड, स्लोवानियाई विदेश मंत्री तंजा फाजोन, सियरा लियोन के विदेश मंत्री टिम कब्बा और पनामा के विदेश मंत्री जेवियर मार्टिनेट के साथ फोन पर बातचीत हुई। इस दौरान आतंकवाद से सख्ती से निपटने की जरूरत पर बात हुई। उन्होंने हमले की आलोचना करने और भारत के साथ एकजुटता दिखाने के लिए उनका आभार भी जताया।
जयशंकर ने बताया कि अल्जीरियाई विदेश मंत्री अहमद अत्ताफ के साथ द्विपक्षीय साझेदारी मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि भारत जल्द ही उनका स्वागत करने के लिए तत्पर है। इससे पहले, उनकी ग्रीस के अपने समकक्ष जॉर्ज गेरापेट्राइटिस से भी फोन पर बात हुई। इन सात देशों के अलावा डेनमार्क, पाकिस्तान और कोरिया गणराज्य यूएनएससी के अस्थायी सदस्य है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने विदेश मंत्री जयशंकर से फोन पर की बात
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से फोन पर बात की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि कानूनी तरीकों से इन हमलों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई।
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गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं आज सुबह महासचिव की कुछ फोन कॉल की जानकारी देना चाहता हूं। गुटेरेस ने विदेश मंत्री जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग फोन पर बात की। महासचिव ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की दोबारा कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इन हमलों के लिए कानूनी तरीकों से न्याय और जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई और जोर दिया कि किसी भी तरह के टकराव की स्थिति से बचना जरूरी है, क्योंकि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जारिक ने कहा, महासचिव ने तनाव कम करने के किसी भी प्रयास में मदद देने की इच्छा जताई।
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना में पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आई है। भारत ने कुल चार आतंकियों में से दो के पाकिस्तानी होने का खुलासा किया है। भारत ने इस घटना के मद्देनजर पाकिस्तान पर एक के बाद एक कार्रवाई जारी रखी है और सिंधु जल समझौता तोड़ने के बाद सोमवार को पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स से जुड़ी सामग्री को भी बैन करने का फैसला किया है।