गुवाहाटी: भारतीय सेना के एक पूर्व सैन्य कमांडर ने पहलगाम हमले के पीछे आतंकवादियों के मंसूबों का खुलासा किया है। पूर्व सैन्य कमांडर ने शुक्रवार को कहा कि पहलगाम हमला एक पूर्वनियोजित कार्रवाई थी। इसका मकसद आतंकवादियों और पाकिस्तानी सेना सहित उनके आकाओं की ओर से एक रणनीतिक संदेश भेजना था कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति की वापसी अस्थायी है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाना भी इस रणनीतिक कदम का हिस्सा था, ताकि इस घटना के संभावित प्रतिशोध के रूप में देश में सांप्रदायिक हिंसा भड़काई जा सके।
क्या हुआ हमला?
सेना की पूर्वी कमान के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) राणा प्रताप कलिता ने कहा कि इस हमले का विश्लेषण करने पर नई बातें सामने आ रही हैं। सबसे पहली बात तो यह कि यह हमला पहले से ही योजनाबद्ध था और आतंकवादियों तथा पाकिस्तानी सेना सहित उनके आकाओं द्वारा एक रणनीतिक संदेश भेजने के लिए किया गया था। उन्होंने बताया कि हमलावर यह प्रदर्शित करना चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति की वापसी के संकेत – चाहे वह सुचारू चुनाव हों या पर्यटकों की बड़ी संख्या-अस्थायी थे।
आम कश्मीरियों को पहुंचेगा नुकसान
कलिता ने कहा कि पर्यटकों पर हमला प्रासंगिक है। क्योंकि आतंकवादियों को पता था कि इससे आम कश्मीरियों को नुकसान होगा। इनमें से कई लोग पर्यटन क्षेत्र से अपनी आजीविका कमाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ छिटपुट घटनाएं हुईं। लेकिन बड़े पैमाने पर (पर्यटकों को) निशाना बनाना कुछ नया है। वे (आतंकवादी) जानते हैं कि इससे आम कश्मीरियों को नुकसान पहुंचेगा।
सावधानीपूर्वक रची गई साजिश
हमले के लिए सावधानीपूर्वक रची गई साजिश पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि स्थान का चयन- एक अलग-थलग स्थान जहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। समय का चयन, जो अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री मोदी की सऊदी अरब यात्रा के साथ मेल खाता था, बहुत विस्तृत समन्वय, योजना और विचार-विमर्श के साथ किया गया था। (इनपुट भाषा)
क्या हुआ हमला?
सेना की पूर्वी कमान के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) राणा प्रताप कलिता ने कहा कि इस हमले का विश्लेषण करने पर नई बातें सामने आ रही हैं। सबसे पहली बात तो यह कि यह हमला पहले से ही योजनाबद्ध था और आतंकवादियों तथा पाकिस्तानी सेना सहित उनके आकाओं द्वारा एक रणनीतिक संदेश भेजने के लिए किया गया था। उन्होंने बताया कि हमलावर यह प्रदर्शित करना चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति की वापसी के संकेत – चाहे वह सुचारू चुनाव हों या पर्यटकों की बड़ी संख्या-अस्थायी थे।
आम कश्मीरियों को पहुंचेगा नुकसान
कलिता ने कहा कि पर्यटकों पर हमला प्रासंगिक है। क्योंकि आतंकवादियों को पता था कि इससे आम कश्मीरियों को नुकसान होगा। इनमें से कई लोग पर्यटन क्षेत्र से अपनी आजीविका कमाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ छिटपुट घटनाएं हुईं। लेकिन बड़े पैमाने पर (पर्यटकों को) निशाना बनाना कुछ नया है। वे (आतंकवादी) जानते हैं कि इससे आम कश्मीरियों को नुकसान पहुंचेगा।
सावधानीपूर्वक रची गई साजिश
हमले के लिए सावधानीपूर्वक रची गई साजिश पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि स्थान का चयन- एक अलग-थलग स्थान जहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। समय का चयन, जो अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री मोदी की सऊदी अरब यात्रा के साथ मेल खाता था, बहुत विस्तृत समन्वय, योजना और विचार-विमर्श के साथ किया गया था। (इनपुट भाषा)