यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा की नाजुक सुरक्षा स्थिति और दोनों देशों के भूराजनीतिक तनाव को दिखाता है। इस क्षेत्र पर पाकिस्तान और तालिबान के अलावा अमेरिका, भारत और चीन की भी नजर लगी है। तालिबान ने लंबी लड़ाई के बाद अफगानिस्तान पर फिर से नियंत्रण हासिल किया है और फिलहाल सत्ता में है। पाकिस्तान उसका अहम पड़ोसी है तो अमेरिका लंबे समय तक अफगानिस्तान में रहा है और इस क्षेत्र में रुचि रखता है। चीन भी अपनी बेल्ट एंड रोड पहल और इस क्षेत्र में बड़े आर्थिक निवेश के कारण स्थिति पर नजर गड़ाए हुए है। भारत की नजर क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से अफगानिस्तान पर है।
तालिबान के साथ पाकिस्तान के रिश्ते
अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी और तालिबान के सत्ता में आने से पाकिस्तान के साथ उसके संबंध भूराजनीतिक परिदृश्य को जटिल बनाते हैं। पकिस्तान के हवाई हमलों के पीछे भी एक नहीं कई कारण हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों का इतिहास औपनिवेशिक काल से जुड़ा है। इन रिश्तों में अक्सर तनाव रहा है। इस तनाव की वजह राजनीतिक, क्षेत्रीय और सुरक्षा चिंताएं हैं।
साल 1947 में भारत की आजादी के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान का विभाजन हुआ। इससे और ज्यादा जटिलताएं पैदा हुईं, खासकर डूरंड रेखा को लेकर विवाद है, जो दोनों देशों को अलग करने वाली विवादास्पद सीमा है। अफगानिस्तान ने इसे कभी नहीं माना है। सीमा को ना मानने से विवाद पैदा हुए और लगातार चल रहे हैं। हाल के दशकों में उग्रवाद और विद्रोह के मुद्दे ने तनाव को बढ़ा दिया है।
पक्तिका पाकिस्तान के निशाने पर क्यों?
पाकिस्तान के हमलों की जद में पक्तिका रहा है, जो अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांतों में से एक है। इसकी सरहद पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत की सीमा से लगती है। यह क्षेत्र बीते कई दशकों से विद्रोही गतिविधि का केंद्र रहा है। इस पहाड़ी और मुश्किल इलाके का इस्तेमाल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) समेत कई उग्रवादी समूह अफगान और पाकिस्तानी सेनाओं से लड़ने के लिए करते रहे हैं। डूरंड रेखा के पास होने की वजह से यह प्रांत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, जो इसे उग्रवादियों के लिए अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच आने-जाने के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
पक्तिका प्रांत का भूगोल अफगान सरकार और पाकिस्तान दोनों के लिए इस क्षेत्र को सुरक्षित करना मुश्किल बना देता है। पहाड़ी और जंगली परिदृश्य लड़ाकों को दोनों देशों के बीच आसानी से आने-जाने की अनुमति देती है। पक्तिका पाकिस्तान के तीन जिलों की सीमा से लगा हुआ है, इनमें दक्षिण वजीरिस्तान और उत्तरी वज़ीरिस्तान शामिल हैं। दक्षिण वजीरिस्तान वह जिला है, जहां 21 दिसंबर को एक सैन्य चौकी पर हुए हमले में 16 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। पाकिस्तान ने कहा था कि सीमा पार से आए उग्रवादियों ने हमला किया।
भारत की भी नजर
अफगानिस्तान के पक्तिका में, पाकिस्तान के हवाई हमलों को आम तौर पर उग्रवादियों के सीमा पार हमलों की प्रतिक्रिया के रूप में पेश किया जाता है। पक्तिका में पाकिस्तानी हवाई हमलों का अफगान नागरिकों और व्यापक क्षेत्रीय स्थिरता दोनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इन हमलों के कारण इस क्षेत्र में नागरिकों की जान जाने और दैनिक जीवन में व्यवधान को कम करके नहीं आंका जा सकता है।। हमले भले ही उग्रवादी ठिकानों पर किए जाएं लेकिन अक्सर इनमें नागरिक हताहत होते हैं।
पाकिस्तान के अफगानिस्तान में हवाई हमलों के व्यापक क्षेत्रीय निहितार्थ भी हैं। पाकिस्तान की कार्रवाइयों पर भारत भी नजर रखता है। भारत लगातार पाकिस्तान पर क्षेत्र में अपने रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए अफगान स्थित उग्रवादी समूहों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाता रहा है। अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हमले दक्षिण एशियाई भूराजनीति में एक जटिलता को दिखाते हैं। पाकिस्तान इसे आतंक के खिलाफ प्रतिक्रिया कहा है लेकिन इन हमलों के दीर्घकालिक परिणाम ना केवल अफगानिस्तान-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण बनाएंगे बल्कि क्षेत्रीय अस्थिरता को भी बढ़ा सकते हैं।