इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली, जो बलूचिस्तान की आजादी की मांग को लेकर सशस्त्र आंदोलन चला रहा है। ट्रेन हाईजैक के बाद पाकिस्तानी सेना ने चरमपंथियों के खिलाफ अभियान शुरू किया। बुधवार रात को पाकिस्तान आर्मी ने अभियान के खत्म होने की घोषणा की और बताया कि सुरक्षा बलों ने 33 हथियारबंद हमलावरों को मार गिराया और सभी बचे हुए यात्रियों को बचा लिया गया। इस हमले में सेना ने 21 यात्रियों की मौत की बात स्वीकार की है।
अफगानिस्तान में मौजूद समूहों पर आरोप
पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग आईएसपीआर ने एक बयान में अफगानिस्तान में मौजूद आतंकवादी नेता पूरी घटना के दौरान सैटेलाइट फोन के जरिए हमलावरों के संपर्क में रहे। इसमें कहा गया है कि ‘खुफिया रिपोर्टों ने स्पष्ट रूप से पुष्टि की है कि हमले की योजना और निर्देशन अफगानिस्तान से संचालित आतंकवादी सरगनाओं ने किया था, जो पूरी घटना के दौरान आतंकवादियों से सीधे संपर्क में थे।’
तालिबान से ऐक्शन की मांग
इसमें आगे कहा गया कि ‘पाकिस्तान को उम्मीद है कि अंतरिम अफगान सरकार अपनी जिम्मेदारियों को निभाएगी और पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल करने से इनकार करेगी।’ आईएसपीआर के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक निजी न्यूज चैनल दुनिया न्यूज से बात करते हुए अफगानिस्तान पर आतंकवादियों के समर्थन के आरोपों को दोहराया। चौधरी ने कहा कि इस हमले ने खेल के नियमों को बदल दिया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या बदलाव होंगे।
डीजी आईएसपीआर ने कहा, ‘मैं साफ तौर पर कहता हूं, जो भी ऐसा करेगा उसे पकड़े जाएगा और न्याय के घेरे में लाया जाएगा। मैं यह भी कहना चाहता हूं कि जाफर एक्सप्रेस की यह घटना खेल के नियमों को बदल देती है।’ उन्होंने इसके पीछे विदेशी ताकतों के शामिल होने की बात कही और जिम्मेदार लोगों को पकड़ने की कसम खाई।