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Parliament: गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की कोई योजना नहीं, केंद्रीय पशुपालन मंत्री ने संसद को दी जानकारी

Byadmin

Aug 13, 2025


केंद्रीय मत्स्य पशुपालन और डेयरी मंत्री एसपी सिंह बघेल ने मंगलवार को संसद को बताया कि केंद्र सरकार गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए कानून बनाने की कोई योजना नहीं बना रही है। मंत्री ने बताया केंद्र सरकार दिसंबर 2014 से राष्ट्रीय गोकुल मिशन को क्रियान्वित कर रही है जिसका उद्देश्य राज्यों और संघीय क्षेत्रों द्वारा गायों के संरक्षण के लिए उठाए गए पहलों का समर्थन करना है।

 पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री एसपी सिंह बघेल ने मंगलवार को संसद को बताया कि केंद्र सरकार गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए कानून बनाने की कोई योजना नहीं बना रही है।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बघेल ने कही ये बात

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बघेल ने कहा, संविधान केअनुच्छेद 246 (3) के अनुसार, संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण के तहत, पशुओं का संरक्षण ऐसा विषय है जिस पर विधायी शक्तियां राज्य विधानमंडल के पास हैं।

मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार दिसंबर 2014 से राष्ट्रीय गोकुल मिशन को क्रियान्वित कर रही है, जिसका उद्देश्य राज्यों और संघीय क्षेत्रों द्वारा गायों के संरक्षण के लिए उठाए गए पहलों का समर्थन करना है।

दूध उत्पादन के संदर्भ में, बघेल ने सदन को सूचित किया कि 2024 में देश के कुल दूध उत्पादन में गाय के दूध का योगदान 53.12 प्रतिशत, जबकि भैंस के दूध का योगदान 43.62 प्रतिशत रहा।

मिलावटी दूध के 8,815 मामलों में लगाया 36.72 करोड़ रुपये का जुर्माना

अन्य प्रश्न के उत्तर में बघेल ने बताया कि 2024-25 में मिलावटी दूध से संबंधित 8,815 मामलों में 36.72 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दूध में मिलावट रोकने के लिए त्योहारों के दौरान निगरानी अभियान चलाए जाते हैं। सितंबर 2024 में दीपावली से पहले और फरवरी 2025 में होली से पहले विशेष अभियान चलाए गए। त्योहारों से पहले डेयरी उत्पादों की मांग आमतौर पर बढ़ जाती है।

मंत्री ने कहा कि वर्ष के दौरान 33,405 दूध के नमूनों का विश्लेषण किया गया, 12,057 मामले दर्ज किए गए। 8,815 मामलों में सजा और जुर्माना लगाया गया, 36.72 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया। जुर्माने की राशि पिछले तीन वर्षों में लगातार बढ़ती जा रही है। 2023-24 में 34.83 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा 24.30 करोड़ रुपये था।

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