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Pm Modi Mann Ki Baat Praised The Success Achieved In Malaria And Cancer Treatment – Amar Ujala Hindi News Live

Byadmin

Dec 29, 2024


Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल के आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत को मिली दो बड़ी उपलब्धियों की जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री ने कहा, इन उपलब्धियों ने न सिर्फ दुनियाभर का ध्यान आकर्षित किया है, साथ ही देशवासियों को गौरवान्वित भी महसूस कराया है।

पहली उपलब्धि मलेरिया से लड़ाई से संबंधित है, जो आजादी के समय से ही हमारे लिए सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौती रही है जिसके रोकथाम और मौत के मामलों में अब काफी कमी आई है। 

दूसरी उपलब्धि कैंसर के खिलाफ जंग को लेकर है। पहले की तुलना में अब भारत में समय पर कैंसर का इलाज शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है। समय पर इलाज का मतलब है कैंसर के मरीज का इलाज 30 दिनों के भीतर शुरू हो जाना, जिससे न सिर्फ इस बीमारी को फैलने से रोकने में मदद मिलती है साथ ही रोगी की जान बचने की संभावना भी बढ़ जाती है।

भारत ने अथक प्रयासों की मदद से मलेरिया और कैंसर को लेकर जो सफलताएं पाई हैं वह निश्चित ही सराहनीय हैं, आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

80 फीसदी तक कम हुआ मलेरिया का खतरा

मलेरिया के रोकथाम और मृत्युदर कम होने को लेकर मिली सफलता की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मलेरिया की बीमारी 4000 वर्षों से मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। आजादी के समय भी ये हमारे लिए सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक थी। एक महीने से लेकर पांच साल तक के बच्चों की जान लेने वाली सभी संक्रामक बीमारियों में मलेरिया का तीसरा स्थान है। आज संतोष से कहा जा सकता है कि देशवासियों ने मिलकर इस समस्या का दृढ़ता से मुकाबला किया है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट कहती है भारत में 2015 से 2023 के बीच मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों में 80 प्रतिशत तक कमी आई है। यह सफलता जन-जन की भागीदारी से मिली है। प्रधानमंत्री ने असम के चाय बागान क्षेत्रों और हरियाणा के कुरुक्षेत्र में लोगों की भागीदारी और मलेरिया रोकथाम को लेकर किए गए प्रयासों की सराहना की। 

कैंसर से जंग हुई आसान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैंसर को लेकर किए गए प्रयासों की भी खूब तारीफ की। प्रधानमंत्री ने द लैंसेट के अध्ययन रिपोर्ट की जिक्र करते हुए कहा कि भारत में अब समय पर इस रोग का इलाज शुरू होने का संभावना पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है, जो इस रोग के कारण होने वाली मृत्युदर को कम करने में महत्वपू्र्ण भूमिका निभाती है। 

प्रधानमंत्री ने कहा, कैंसर के इलाज को आसान बनाने में आयुष्मान भारत योजना की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। इसकी मदद से कैंसर के 90 प्रतिशत मरीज समय पर इलाज प्राप्त कर रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना ने कैंसर के इलाज को लेकर होने वाले खर्च की टेंशन को काफी कम कर दिया है। कैंसर के इलाज को लेकर पहले की तुलना में अब लोग काफी जागरूक भी हुए हैं।

मलेरिया और इसका खतरा

मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो मच्छरों के काटने से फैलती है। भारत में हर साल जून-सितंबर के महीनों में इस रोग का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। मलेरिया तेज बुखार सहित ठंड लगने, सिरदर्द, जोड़ों-मांसपेशिया और पेट में दर्द, हार्ट रेट और सांस की दर बढ़ने जैसे लक्षण पैदा करती है। बच्चों और बुजुर्गों में इस रोग की गंभीर स्थिति में मृ्त्यु का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। मलेरिया से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग, मच्छर भगाने वाली दवाओं-कॉइल का इस्तेमाल, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। जन जागरूकता बढ़ाकर भारत ने इस दिशा में सफलता पाई है।

कैंसर दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख जोखिमों में से एक

कैंसर की रोकथाम और इसके इलाज की दिशा में भारत को जरूर सफलता मिली है, पर अब भी बड़ी दूरी तक करना शेष है। कई प्रकार के कैंसर के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। पुरुषों में लंग्स, मुख और पेट का कैंसर जबकि महिलाओं में स्तन-सर्वाइकल कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा देखा जाता रहा है। डॉक्टर कहते हैं, भारत में कैंसर का मृ्त्युदर अधिक होने का एक प्रमुख कारण समय पर इस रोग का निदान और इलाज न हो पाना है। ज्यादातर लोगों में इसका पता ही तब चल पाता है जब ये रोग काफी बढ़ चुका होता है। 

हालांकि अब इस दिशा में जागरूकता बढ़ी है और लोग समय पर इसके इलाज के लिए जा रहे हैं जोकि अच्छा संकेत है।

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नोट: यह लेख डॉक्टर्स का सलाह और मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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