प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नवाचार तंत्र में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित युग्म (YUGM) सम्मेलन का मंगलवार को शुभारंभ किया। राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन किया गया। युग्म सम्मेलन अपनी तरह का पहला महत्वपूर्ण नीतिगत सम्मेलन है। इसमें सरकार, शैक्षणिक क्षेत्र, उद्योग जगत और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित दिग्गज शामिल हो रहे हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने गणमान्य अतिथियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने YUGM इनोवेशन कॉन्क्लेव 2025 को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिभा, मिजाज और प्रौद्योगिकी की त्रिमूर्ति ही भारत के भविष्य को बदल देगी। इसके लिए हम भारत के बच्चों को बचपन में ही जरूरी एक पोस्टर दे रहे हैं। हमने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अगले 25 वर्षों की समयसीमा तय की है। हमारे पास समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं। इसलिए ये जरुरी है कि हमारे विचार की प्रोटोटाइप से उत्पाद तक की यात्रा भी कम से कम समय में पूरी हो।
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां सरकार, एकेडमी, साइंस और रिसर्च से जुड़े भिन्न भिन्न क्षेत्र के लोग इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। इस एकजुटता को ही युग्म कहते हैं। एक ऐसा युग्म जिसमें विकसित भारत के फ्यूचर टेक से जुड़े स्टेकहोल्डर्स एक साथ जुड़े हैं, एक साथ जुटे हैं। मुझे विश्वास है, हम जो भारत की इनोवेशन कैपेसिटी और डीप टेक में भारत की भूमिका को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, उसे इस आयोजन से बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर होता है, इसलिए ये जरूरी है कि हम अपने युवाओं के भविष्य के लिए और उनको भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करें। इसमें बड़ी भूमिका देश के एजुकेशन सिस्टम की भी होती है, इसलिए हम देश के एजुकेशन सिस्टम को 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक आधुनिक बना रहे हैं। दीक्षा प्लेटफॉर्म के तहत वन नेशन, वन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है। यह पूरी तरह से एआई पर आधारित है। इसका इस्तेमाल देश की 30 से ज्यादा भाषाओं और 7 विदेशी भाषाओं में टेक्स्टबुक तैयार करने में हो रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन’ ने युवाओं को ये भरोसा दिया है कि सरकार उनकी जरूरतों को समझती है। आज इस योजना की वजह से उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों की पहुंच विश्व स्तरीय शोध पत्रिकाएं तक आसान हो गई है। भारत के विश्वविद्यालय परिसर आज नए गतिशील केंद्र बन रहे हैं। ऐसे केंद्र, जहां युवाशक्ति सफलता के नवाचारों को बढ़ावा दे रही है।’