कहानी महाराष्ट्र से शुरू हो ती है। महाराष्ट्र में सपा का अकेला सबसे बड़ा चेहरा अबू आजमी पिछले दिनों औरंगजेब को लेकर दिए बयान पर विवादों में घिर गए। दरअसल महाराष्ट्र में सपा के विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब के लिए कहा था कि मैं 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं मानता। इन दिनों फिल्मों के माध्यम से मुगल बादशाह की विकृत छवि बनाई जा रही है। अबू आजमी के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मच गया। चौतरफा घिरे अबू आजमी को विधानसभा से निंलबित कर दिया गया। यही नहीं उनके खिलाफ दो एफआईआर भी दर्ज की गई। बाद में अबू आजमी ने अपने बयान के पीछे इतिहासकारों का हवाला देते हुए माफी मांग ली थी।
राणा सांगा पर विवादित बोल
इसके बाद राज्यसभा में सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा को लेकर विवादित बयान दे दिया। हालांकि इस बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया लेकिन देश भर में क्षत्रिय संगठनों ने इस बयान पर सुमन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसके बाद आगरा में करणी सेना के लोगों ने सांसद के घर पर हमला बोला। मामले में कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए। इस पर अखिलेश ने भी जवाबी मोर्चा संभाला और इस पूरे विरोध प्रदर्शनों को योगी सरकार की प्लानिंग करार दिया।
अंबेडकर-अखिलेश का पोस्टर वायरल
बहरहाल, रामजी लाल सुमन का मामला ठंडा हो ही रहा था कि अचानक अंबेडकर जयंती पर एक पोस्टर वायरल हो गया। लखनऊ में सपा दफ्तर के एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें एक तस्वीर में आधा चेहरा डॉ भीमराव अंबेडकर और आधा चेहरा अखिलेश यादव का दिखा। तस्वीर वायरल हुई तो बीजेपी ने बिना चूके इस मुद्दे पर चौतरफा हमला तेज कर दिया। पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन भी शुरू हो गया। आखिरकार अखिलेश यादव का इस पर बयान आया, उन्होंने साफ किया कि वह अपने कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हैं लेकिन महापुरुषों से किसी भी नेता की तुलना नहीं की जा सकती।
सोफिया पर मंत्री के बिगड़े बोल से बैकफुट पर बीजेपी
अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पूरे देश में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया लेकिन इस आयोजन में मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के विवादित बयान ने पलीता लगा दिया। दरअसल विजय शाह ने एक कार्यक्रम में कहा कि पहलगाम में हमला करने वालों को जवाब देने के लिए पीएम मोदी ने ‘उनकी बहन’ को ही भेजा। जिन्होंने हमारी बहन बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे। उन कटे-पिटे लोगों को हमने उनकी बहन भेजकर ही ऐसी-तैसी कराई। बीजेपी के मंत्री के इस विवादित बयान के बाद पूरे देश में बवाल मच गया। हाईकोर्ट तक ने मंत्री की टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की। इस मसले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी हमलावर दिखे।
रामगोपाल के बयान ने बदल दी राजनीति
लेकिन इसी बीच अचानक मुरादाबाद में सपा सांसद राम गोपाल यादव का विवादित बयान आ गया। इस बयान पर बैकफुट में चल रही बीजेपी को नई ऊर्जा दे दी और योगी आदित्यनाथ से लेकर यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, बेबीरानी मौर्य, अनिल राजभर, लालजी प्रसाद निर्मल आदि हमलावर हो गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामगोपाल यादव द्वारा वीरांगना विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर दिए गए विवादित बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट साझा कर सपा नेता के बयान को न केवल उनकी संकुचित सोच का प्रतीक बताया, बल्कि इसे भारतीय सेना के सम्मान और देश की अस्मिता के खिलाफ भी करार दिया। मुख्यमंत्री ने लिखा कि सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती है।
अब राम गोपाल की आई सफाई
अब राम गोपाल यादव ने एक्स पर पोस्ट कर बताने की कोशिश की है कि उनके बयान को बिना सुने तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होंने सफाई दी है कि उत्तर भारत के कुछ राज्यों में विशेषकर उत्तर प्रदेश में जहां धर्म, जाति और वर्ग देखकर लोगों पर फ़र्ज़ी मुकदमे लगाये जा रहे हों, जाति धर्म के आधार पर एनकाउंटर किये जा रहे हों, जाति धर्म के आधार पर गैंगस्टर लगा कर संपत्ति जब्त की जा रही हो, जाति धर्म और वर्ग देखकर महिलाओं पर अत्याचार किए जारहे हों, जाति धर्म और वर्ग देख कर कर्मचारियों और अधिकारियों की पोस्टिंग्स कीजातीं हो ऐसी विकृत मानसिकता ( corrupt mentality) के लोगों के वारे में कल मैंने एक कार्यक्रम में कहा था की कर्नल सोफिया का धर्म नाम से पहचान लिए इसलिए गाली दी गयीं, विदेश सचिव मिस्त्री को गाली दीं गयीं अगर इन गाली वाजों को ये पता चल जाता की व्योमिका सिंह जाटव हैं और एयर मार्शल अवधेश भारती यादव हैं तो ये इन अफसरों को भी गालियां देने से बाज नहीं आते ।
अब सवाल ये है कि क्या समाजवादी पार्टी के नेताओं की जुबान फिसल रही है या कहानी कुछ और है? राजनीतिक विश्लेषकों की राय में ये सोची समझी रणनीति भी हो सकती है। अखिलेश यादव की ये पीडीए पॉलिटिक्स का ही हिस्सा हो सकता है। गौर कीजिएगा औरंगजेब को लेकर उनके मुस्लिम विधायक का बयान आता है। इसी तरह राणा सांगा पर उनके दलित सांसद बोलते हैं और अब राम गोपाल यादव जैसे मझे हुए राजनेता व्योमिका सिंह और एयर मार्शल की जाति पर बयान देते हैं। जाहिर है हर चीज को ‘पीडीए पैमाने’ पर ही तौलने की कोशिश हो रही है ताकि वोट बैंक मजबूत हो।