वेटिकन के पहले लैटिन अमेरिकी पादरी पोप फ्रांसिस का निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। उनके निधन पर भारत सरकार ने उनके सम्मान में तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। वहीं, पोप फ्रांसिस के अगले साल भारत आने की संभावना थी लेकिन उनके निधन के बाद यात्रा का कार्यक्रम अपूर्ण रह गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस से 2021 और 2024 में दो बार मुलाकात की थी और उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया था। पोप ने इसे स्वीकार भी कर लिया था।
पिछले साल दिसंबर में वेटिकन सिटी का दौरा करने वाले केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि यह बहुप्रतीक्षित यात्रा 2025 में कैथोलिक चर्च की तरफ से आयोजित ईसा मसीह के जयंती वर्ष समारोह के बाद होने की उम्मीद थी। पोप की पिछली भारत यात्रा 1999 में हुई थी, जब पोप जॉन पॉल द्वितीय एशिया के बिशप की विशेष धर्मसभा के समापन समारोह की अध्यक्षता करने के लिए नई दिल्ली आए थे। उन्होंने तत्कालीन उपराष्ट्रपति कृष्णकांत और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की थी।
इससे पहले पोप जॉन पॉल द्वितीय फरवरी 1986 में भी भारत आए थे और कोलकाता स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी सहित देश के विभिन्न भागों का दौरा किया था। और भारतीय नेताओं से मुलाकात की थी। भारत की यात्रा करने वाले प्रथम पोप पॉल चतुर्थ थे, जो इंटरनेशनल यूचरिस्टिक कांग्रेस में भाग लेने के लिए 1964 में मुंबई आए थे।
ये भी पढ़ें : सेंट मैरी मेजर बैसिलिका में दफन किये जाएंगे पोप फ्रांसिस, अपनायी जाएगी ये प्रक्रिया
स्ट्रोक और हृदय गति रुकने से हुआ निधन
वेटिकन के पहले लैटिन अमेरिकी पादरी पोप फ्रांसिस का निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। मृत्यु प्रमाणपत्र के मुताबिक पोप फ्रांसिस का निधन स्ट्रोक और हृदय गति रुकने से हुआ। फ्रांसिस के निधन के बाद अब सप्ताह भर चलने वाली वह प्रक्रिया शुरू हो गई, जिसमें लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। सबसे पहले, सेंट मार्टा चैपल में वेटिकन के अधिकारी और फिर सेंट पीटर्स में आम लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।
सेंट मैरी मेजर बैसिलिका में किया जाएगा दफन
पोप फ्रांसिस को उनकी इच्छा के मुताबिक, शहर के दूसरी ओर स्थित सेंट मैरी मेजर बैसिलिका में दफनाया जाएगा। हालांकि, सदियों से दिवंगत पोप को दफनाने के लिए सेंट पीटर्स बैसिलिका या उसकी गुफाओं की परंपरा रही है। लेकिन पोप फ्रांसिस की तरफ से किए गए सुधारों में दिवंगत पोप को वेटिकन के बाहर दफनाने की अनुमति दी गई है। इन सुधारों का उद्देश्य इस पर और भी अधिक जोर देना था कि पोप का अंतिम संस्कार एक पादरी और प्रभु यीशु के अनुयायी के रूप में हो, न कि इस दुनिया के किसी शक्तिशाली व्यक्ति के तौर पर।
ये भी पढ़ें: कौन होगा पोप फ्रांसिस का उत्तराधिकारी? रेस में दुनियाभर के कई आर्चबिशप शामिल
भारत में तीन दिन का राजकीय शोक
पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत सरकार ने उनके सम्मान में तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। 22 और 23 अप्रैल को शोक रहेगा और एक अन्य दिन उनके अंतिम संस्कार के दिन शोक मनाया जाएगा। इस दौरान राष्ट्र ध्वज तिरंगा आधा झुका रहेगा और कोई सरकारी समारोह नहीं होगा।