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Purana Qila Museum Hall,दिल्लीवालो जरा संभलकर जाना! 20 फीट धंसा है पुराना किला म्यूजियम हॉल का फर्श – floor of the purana qila museum hall in delhi has sunk 20 feet

Byadmin

Dec 21, 2024


राम त्रिपाठी, नई दिल्ली: आप पुराना किला का म्यूजियम देखने जा रहे हैं तो संभल कर जाइए। म्यूजियम हॉल का 10 से 12 गज के हिस्से का फर्श 20 फीट से अधिक नीचे धंस गया है। करीब 4 महीने पहले फर्श धंसा था। म्यूजियम की दीवारों का प्लास्टर भी कई जगह से उखड़ गया है। तीसरी-चौथी ईस्वी तक की पुरातत्व महत्व की धरोहर संभाले यह म्यूजियम खुद ही खंडहर सा लगने लगा है। इस स्थिति का कारण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के पास फंड की कमी बताया जा रहा है।ASI की राष्ट्रीय प्रवक्ता नंदिनी भट्टाचार्य साहू ने एनबीटी को बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। वे इस पद पर नई नियुक्त हुई हैं। मामले के बारे में पता किया जा रहा है। मथुरा रोड से किले के विशाल मुख्य दरवाजे के अंदर घुसते ही दाई तरफ किला की दीवार के साथ एक गैलरी बनाई गई है। इसके पहले खंड में आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम है। बीच में प्रशासनिक कार्यालय है। उसके बाद विशेष तौर पर गैलरी ऑफ कॉन्फिस्केटेड एंड रिट्रीविड एंटीक (gallery of confiscated and retrieved antique) बनाया गया है।

इसी गैलरी का एक हॉल सितंबर के महीने करीब 20 फुट गहरा धंस गया है। वहां रखा आर्कियोलॉजिकल सामान हटा लिया गया है। इस गैलरी में वे मूर्तियां, शिल्प आदि रखे हुए हैं जो भारत से तस्करी करके अमेरिका और यूरोप के देशों में चले गए थे। उन्हें मोदी सरकार के एक विशेष अभियान के तहत वापस लाया गया है। उनमें तीसरी ईस्वी से लेकर 14वीं-15वीं ई. तक के सिक्के। 12वीं से 13वीं शताब्दी के किरातार्जुनयम शिल्प की मूर्तियां, मानवीय आकृतियां, भाले, हारयाना टाइल्स और बौद्ध प्रतिमाएं आदि शामिल हैं।

गैलरी का फर्श धंसने से आ रही समस्या

लोगों को दिखाने के लिए इस गैलरी का विशेष तौर पर बनाया गया था। मगर गैलरी का फर्श धंस जाने के कारण वहां से पुरातत्व महत्व का सामान हटा लिया गया है। म्यूजियम की दीवारों का फर्श भी कई जगह से उखड़ गया है। ऐसे में म्यूजियम देखने में बहुत भद्दा लग रहा है। ASI के एक अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर में मरम्मत के लिए हेड क्वार्टर के पास खर्च का ब्यौरा भेजा गया था। मरम्मत की अनुमानित लागत 45 लाख रुपए से अधिक की बताई जा रही है। अधिकारी ने बताया कि उसके बाद से अभी तक मरम्मत करने के बारे में कोई निर्देश नहीं आए हैं। फंड की कमी के कारण कोई काम नहीं हो पा रहा है।

फंड की कमी के कारण ये भी प्रभावित

कंजर्वेशन फंड नहीं मिलने के कारण दिल्ली के पुरातत्व महत्व के कई स्मारक व भवन की मरम्मत का काम रुका हुआ है या बहुत सुस्त गति से चल रहा है। उनमें 14वीं शताब्दी का अलाई दरवाजा और खिड़की मस्जिद के अलावा शीश महल, रोशनआरा महल और बाराखंबा पुल की मरम्मत आदि का काम प्रमुखता से शामिल है।

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