राफेल के खिलाफ चीन-पाकिस्तान फैला रहे झूठ
फ्रांसीसी सूत्रों का कहना है कि इस अभियान का मकसद राफेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना है। वे J-10 जैसे दूसरे विमानों को बढ़ावा देना चाहते हैं और भारत-फ्रांस की दोस्ती को बदनाम करना चाहते हैं। फ्रांसीसी सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान से गलत जानकारी फैलाई जा रही है। इसे चीन के सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा। इसमें टिक टॉक वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट और गलत तकनीकी विश्लेषण शामिल हैं।
फ्रांसीसी सूत्रों ने किया खुलासा
एक उदाहरण में, चीनी सोशल मीडिया और मीडिया ने यह दिखाने की कोशिश की कि इंडोनेशिया भारत के ऑपरेशन के बाद फ्रांस से राफेल जेट खरीदने की योजना पर फिर से विचार कर रहा है। लेकिन ये दावा झूठा साबित हुआ। फ्रांस और इंडोनेशिया ने 2022 में दिए गए ऑर्डर को और बढ़ाने के लिए अतिरिक्त राफेल जेट खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
ऑपरेशन सिंदूर में 3 राफेल को हुआ नुकसान? झूठा है ये दावा
इस फेक न्यूज अभियान में यह भी दावा किया जा रहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीन राफेल विमानों को मार गिराया गया। यह भी दिखाने की कोशिश की जा रही है कि राफेल जेट ने पाकिस्तानी आतंकी शिविरों पर पहले हमले के बाद काम करना बंद कर दिया था। भारतीय सरकार के सूत्रों ने बताया कि ये दोनों ही दावे झूठे हैं। उन्होंने कहा कि 7 मई को हुए हमलों में राफेल सहित कई लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया था। सभी चुने हुए लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया, जिसमें मुरीदके और बहावलपुर में स्थित आतंकी मुख्यालय भी शामिल थे।
राफेल ने पाकिस्तानी एयरबेस को बनाया था निशाना
सूत्रों ने आगे बताया कि 9-10 मई की रात को पाकिस्तानी एयरबेस पर हुए हमलों में भी राफेल जेट का इस्तेमाल किया गया था। इसने सीमा पार गहराई में स्थित कई महत्वपूर्ण टारगेट को नष्ट कर दिया। 7 मई को हुए हमलों में भारतीय नुकसान के बारे में, सूत्रों ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के बयान का हवाला दिया। CDS ने कहा था कि सामरिक गलतियां हुई थीं, लेकिन उनसे सबक लेकर पाकिस्तान पर फिर से जोरदार हमला किया गया।
चीन-पाकिस्तान क्यों कर रहे राफेल के खिलाफ दुष्प्रचार
चीन से शुरू हुई गलत जानकारी पश्चिमी देशों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी पहुंच गई। 7 मई को एक चीनी ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर यह दावा किया गया कि फ्रांस ने भारत से राफेल का इस्तेमाल बंद करने को कहा है। यह झूठा दावा एक्स जैसे पश्चिमी प्लेटफॉर्म पर भी खूब शेयर किया गया। सीधे शब्दों में कहें तो, कुछ लोग राफेल विमान को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वे झूठी खबरें फैला रहे हैं और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि राफेल एक बेहतरीन फाइटर जेट है और भारतीय सेना इसका सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर रही है।