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Railway Kawach System,केवल ट्रेनों को टकराने से ही नहीं बचाएगा, ‘नशेड़ी प्रूफ’ भी होगा रेलवे का नया कवच सिस्टम – railway new kavach system not only save trains from colliding also be drug proof know how

Byadmin

Nov 27, 2024


नई दिल्ली: दो ट्रेनों को आपस में टकराने से बचाने के लिए रेलवे जो कवच वर्जन-4.0 सिस्टम लगा रहा है। वह ना केवल ट्रेनों को टकराने से बचाएगा बल्कि वह ‘नशेड़ी प्रूफ’ भी होगा। भारत के विभिन्न हिस्सों में नशेड़ियों की ओर से रेलवे प्रॉपर्टी को चुराने जैसी समस्या को देखते हुए सिस्टम को यूरोपियन नहीं बल्कि भारतीय पैटर्न पर तैयार किया गया है। जिसमें सिस्टम के जिस एक हिस्से को रेलवे लाइनों पर लगाया जाएगा। उसमें कॉपर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। ताकि चंद रुपयों के लिए नशेड़ी और स्मैकियां इसे ना चुराएं।

रेल मंत्री ने बताया कैसे काम करेगा सिस्टम

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि करीब छह साल में पूरे देश के रेलवे नेटवर्क पर कवच सिस्टम लगा दिया जाएगा। इसमें 10 हजार लोकोमोटिव यानी इंजनों में इस सिस्टम को लगाने के लिए अवार्ड भी कर दिया गया है। इसमें भी अच्छी बात यह है कि पहले जहां एक लोको में कवच सिस्टम लगाने में 14 दिनों का समय लगता था। वहीं इसमें इंजीनियरों और तकनीशियनों की लगातार कराई जा रही ट्रेनिंग से यह वक्त घटकर 22 घंटे का रह गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी

इसके पीछे रेलवे के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इसके लिए रेलवे एक एजुकेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी की भी मदद ले रहे हैं। जिसके प्रोफेशनल कवच लगाने के लंबे टाइम को कम करने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। लोको के अलावा शुरूआत में 15 हजार किलोमीटर रेल रूट पर इस सिस्टम को लगाया जाएगा। इसमें मुंबई से बड़ौदा, दिल्ली से मथुरा-पलवल वाला सेक्शन कंप्लीट भी हो गया है। एक हजार किलोमीटर से अधिक रेल रूट पर इसे लगा दिया गया है।

1600 किलोमीटर रेल रूट पर लगा ये सिस्टम

रेलवे ने बताया कि रेलवे लाइनों में अभी तक करीब 1600 किलोमीटर रेल रूट पर यह सिस्टम लगा है। लेकिन यह पुराना वर्जन है। इसे भी नए वर्जन से अपडेट किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि मोटे तौर पर कवच सिस्टम को तीन पार्ट में लगाया जाता है। इसमें एक रेलवे लाइन, दूसरा इंजन और तीसरा सिग्नलिंग सिस्टम। यह एक इंटीग्रेटेड सिस्टम है। सेटेलाइट और अन्य तकनीक के माध्यम से काम करने वाला यह भारत का कवच सिस्टम यूरोपियन देशों से बहुत सस्ता पड़ेगा।

जानिए एक KM में कवच लगाने में आ रहा कितना खर्च

रेल मंत्री वैष्णव ने यह भी बताया कि एक लोको में कवच सिस्टम लगाने की लागत करीब 80 लाख रुपये और एक किलोमीटर में कवच लगाने की लागत करीब 60 लाख रुपए आ रही है। जो की यूरोपियन देशों से बहुत कम है। दूसरी बात, भारत का यह कवच सिस्टम यूरोपियन देशों के मुकाबले सस्ता और अधिक बेहतर है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कई देशों से कवच सिस्टम को उनकी रेलवे लाइनों पर लगाने की डिमांड भी आ रही है।

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