उद्धव ठाकरे ने दिए बड़े संकेत
विधानसभा चुनावों में मिली पराजय के बाद यूबीटी और मनसे के ठाकरे परिवार को एक साथ आने की मांग की जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने जब से बीएमसी सहित स्थानीय निकाय चुनावों कराने का आदेश दिया है तब से इस मांग ने और जोड़ लिया है। जगह-जगह बैनर पोस्टर लगाकर भी मांग की जा रही है। ठाकरे परिवार के युवा चेहरे उद्धव ठाकरे के विधायक बेटे आदित्य और राज ठाकरे के बेटे अमित भी इस पर सकारात्मक बयान दे रहे हैं। इससे एक बार फिर ठाकरे परिवार के मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे पहले इस तरह के प्रयास 2014 और 2017 में भी किया गया, लेकिन मामला नहीं बन पाया। एक एक बार फिर चर्चा निकल पड़ी है। हालांकि, अब उद्धव ठाकरे के बयान से ऐसा लगा है कि उनकी राज ठाकरे से बातचीत चल रही है। इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने उनकी पार्टी के राज ठाकरे की पार्टी के साथ गठबंधन होने पर भी प्रतिक्रिया दी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये बातें कैमरे पर नहीं की जाती है।
शिवसेना-बीजेपी लग सकता है झटका
महाराष्ट्र में अगर उद्धव ठाकरे की यूबीटी और राज ठाकरे के मनसे के बीच चुनावी गठबंधन होता है तो यह शिवसेना की विरासत की घर वापसी मानी जाएगी। इससे मराठी अस्मिता, हिंदुत्व और ठाकरे ब्रांड राजनीति को एक बार फिर संगठित रूप में पेश किया जा सकता है। दोनों दलों का वोट बैंक एक हद तक एक जैसा है और अगर यह गठबंधन होता है तो बीजेपी और शिंदे गुट को बड़ा नुकसान हो सकता है।
फडणवीस ने तोड़ी चुप्पी
यूबीटी और मनसे के गठबंधन को लेकर जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह तो राज ठाकरे बताएंगे। इससे मेरी कोई भूमिका नहीं है इसलिए मैं इस पर क्या बोलूं। मीडिया को दोषी ठहराते हुए कहा कि आपही लोग तो यह चला रहे हो इसलिए उन दोनों से अधिक जानकारी आपके पास है, यह सबसे बड़ी समस्या है, लेकिन कोई बात नहीं, मुझे लगता है कि मीडिया का काम यही है। मैं अक्सर अपने राजनीतिक अनुभव के बारे में बात नहीं करता, मैं केवल सही समय पर इसके बारे में बात करता हूं। वहीं, इस बारे में जब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पूछा गया तो उन्होंने हाथ जोड़ते हुए सवाल टाल दिया। उन्होंने कहा कि हम महायुति के तौर पर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।