नितेश राणे ने एक हिंदी समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि आपको उद्धव ठाकरे से पूछना चाहिए कि क्या उन्होंने मनसे के साथ हाथ मिलाने से पहले रश्मि ठाकरे की अनुमति ली है। ऐसे फैसलों में उनकी राय अधिक मायने रखती है। मंत्री ने आरोप लगाया कि यह रश्मि ठाकरे ने ही राज ठाकरे को शिवसेना से बाहर निकालने में मुख्य भूमिका निभाई थी, जबकि उस समय दोनों चचेरे भाइयों के बीच कोई बड़ा मतभेद नहीं था।
‘हम किसी गठबंधन से चिंतित नहीं’
शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के एक साथ आने की संभावना पर राणे ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने जोरदार जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि इसलिए हम उनके बीच किसी गठबंधन को लेकर चिंतित नहीं हैं।
उद्धव-राज में कैसी सुलह?दरअसल मनसे नेता राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच संभावित राजनीतिक सुलह की चर्चा है। इन चर्चाओं को उस समय बल मिला, जब दोनों के बयानों से संकेत मिला कि वे मामूली मुद्दों को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के अलगाव के बाद हाथ मिला सकते हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि उनके पिछले मतभेद मामूली हैं और मराठी मानुष के व्यापक हित के लिए एकजुट होना कोई मुश्किल काम नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी बातों और मतभेदों को नजरअंदाज करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को कोई महत्व नहीं दिया जाए। उद्धव का इशारा राज ठाकरे की ओर से अपने घर पर शिवसेना प्रमुख और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मेजबानी करने की ओर था। (इनपुट भाषा)