मेरा कांसेप्ट क्लियर है, मैं दावेदार नहीं-गुंजल
देवली उनियारा विधानसभा सीट पर कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारों के नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस बीच यह सीट गुर्जर और मीणा बाहुल्य वर्ग है। इस कारण गुर्जर नेता के तौर पर प्रहलाद गुंजल की दावेदारी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच एक इंटरव्यू में उन्होंने इस संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि मेरा कांसेप्ट क्लियर है, कि मैं देवली उनियारा सीट पर उपचुनाव में दावेदार नहीं हूं। उन्होंने पायलट के समर्थक नरेश मीणा की वकालत करते हुए कहा कि नरेश मीणा युवा और संघर्षशील व्यक्ति है, उसे टिकट दिया जाना चाहिए। ऐसे युवा नेता कम मिलते हैं। नरेश मीणा आगे जाकर पार्टी की पूंजी बनेंगे।
गुंजल ने इस कारण नरेश मीणा की वकालत की
बता दें कि प्रहलाद गुंजल बीजेपी का दामन छोड़कर इस लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके चलते कांग्रेस ने कोटा बूंदी लोकसभा सीट पर ओम बिरला के सामने गुंजल को टिकट दिया। हालांकि प्रहलाद गुंजल इस चुनाव में पराजित हुए, लेकिन उनके चुनाव प्रचार में पायलट के समर्थक नरेश मीणा ने जमकर प्रचार किया। इस दौरान गुंजल और नरेश मीणा के बीच अच्छी केमिस्ट्री सियासत को देखने को मिली। इधर, इस समीकरण को देखते हुए प्रहलाद गुंजल ने अपने साथी नरेश मीणा का नाम इस सीट की दावेदारी को लेकर आगे चलाया है। जानकारी के अनुसार उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को भी इस बात से अवगत कराया है।
देवली-उनियारा विधानसभा की जातिगत समीकरण
देवली-उनियारा विधानसभा सीट के कुल मतदाता की बात करें तो, कुल मतदाता करीब 3 लाख है। इनमें 1 लाख 54 हजार 832 पुरुष और 1 लाख 45 हजार 145 महिला मतदाता हैं। इस सीट पर मीणा और गुर्जर वोर्टस का दबदबा है। इसके चलते यहां करीब 52 हजार मीणा और 46 हजार के आसपास गुर्जर मतदाता हैं, जबकि माली 19 हजार, राजपूत 20 हजार, ब्राह्मण 22 हजार, वैश्य 22 हजार, अल्पसंख्यक 30 हजार और एससी 40 हजार मतदाता हैं। इस सीट पर गुर्जर और मीणा मतदाता ही उम्मीदवार का भाग्य तय करते हैं।