सौतले पिता ने किया था दुष्कर्म
मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 3 सितंबर 2023 को पीड़िता की मां ने जिले के एक थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि 2 सितंबर 2023 को दोपहर में, जब वह कॉलेज में काम के लिए गई थीं, उनकी नाबालिग बेटी घर पर अकेली थी। उसी दौरान आरोपी पिता, जो पीड़िता की मां का दूसरा पति है, शराब के नशे में घर लौटा और नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के शोर मचाने पर आरोपी ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी देकर चुप रहने को कहा।
पुलिस जांच और कोर्ट कार्यवाही
शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया और जांच के बाद आरोपी के खिलाफ पोक्सो कोर्ट में चालान पेश किया। राज्य सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेंद्र सिंह भांबू ने मजबूत पैरवी की। उन्होंने 11 गवाहों के बयान और 30 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए। अभियोजक ने तर्क दिया कि यह जघन्य अपराध है और आरोपी को कठोर सजा दी जानी चाहिए।
न्यायालय का फैसला
विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेंद्र सिंह भांबू ने बताया कि विशिष्ट न्यायाधीश इशरार खोखर ने साक्ष्यों का गहन विश्लेषण कर आरोपी को दोषी ठहराया। कोर्ट ने न केवल 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई, बल्कि 52,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह फैसला नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों के प्रति कठोर रुख को दर्शाता है।
सामाजिक संदेश
यह मामला समाज में नाबालिगों की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। पोक्सो अधिनियम के तहत त्वरित और कठोर कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।