भारत पर रेसिप्रोकल टैक्स क्यों?
कुछ समय पहले ट्रंप ने कहा था कि भारत अमेरिका पर ज्यादा टैरिफ लगाता है। ऐसे में उन्होंने कहा था कि अमेरिका भी भारत समेत उन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वे लगाते हैं। इसके अलावा अमेरिका के साथ भारत का व्यापार सरप्लस भी है। इन वजहों से ट्रंप प्रशासन भारत पर जवाबी शुल्क लगा सकता है।
क्या रही सरकार की प्रतिक्रिया?
भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि दोनों देशों के अधिकारियों ने एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत की है। वे इस समझौते को लेकर कुछ बातों पर सहमत हुए हैं। उनका लक्ष्य है कि 2025 तक इस समझौते का पहला हिस्सा पूरा हो जाए।
दोनों देशों ने कुछ खास क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी बात की। इसमें बाजार तक पहुंच बढ़ाना, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करना और सप्लाई चेन को बेहतर बनाना शामिल है।
हालांकि, इस बयान में ऐसा कुछ नहीं कहा गया है कि इन बाधाओं को दूर करने के लिए कोई कदम उठाया जाएगा। अमेरिका ने अपने व्यापारिक साझेदारों पर जो नए टैरिफ लगाने की बात कही है वह मंगलवार से शुरू होने वाले हैं।
निर्यात पर पड़ेगा असर
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च नाम की एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है। उनका अनुमान है कि अमेरिका के टैरिफ की वजह से भारत का निर्यात अगले वित्तीय वर्ष में 7.3 अरब डॉलर तक कम हो सकता है।
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। पिछले दो महीनों में भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार तनाव को कम करने की कोशिश की है। इसके लिए, उसने कुछ उत्पादों पर टैरिफ कम किए हैं। इनमें महंगी मोटरसाइकिलें और बॉर्बन व्हिस्की शामिल हैं।
इधर टैरिफ कम करने की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत अमेरिकी चीजों के आयात पर शुल्क कम करने की तैयारी में है। सरकार ऑनलाइन सेवाओं पर लगने वाले शुल्क को खत्म कर सकती है। इन सेवाओं में विज्ञापन जैसी चीजें शामिल हैं। रिपोर्टों में यह भी कहा गया था कि भारत कारों, इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा सेवाओं पर टैरिफ कम करने को तैयार है।
तेल में भी किया खेल
अमेरिका ने तेल में भी खेल कर दिया है। अमेरिका ने वेनेजुएला से तेल खरीदने वाले देशों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इससे भारत भी प्रभावित होगा, क्योंकि भारत इस लैटिन अमेरिकी देश से कच्चा तेल खरीदता रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वेनेजुएला से नए तेल की खरीदारी रोक दी है। रूस के तेल पर पहले से बैन लगा है।