रक्षा मंत्रालय की ओर से झांकी की थीम को लेकर सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि आरडीसी-2025 के लिए झांकियों का विषय स्वर्णिम भारत विरासत और विकास तय किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि इस वर्ष की शुरुआत से ही रक्षा मंत्रालय ने झांकियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर निर्णय लेने के लिए परामर्श प्रक्रिया अपनाई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड की थीम इस बार ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ होगी जिसमें 15 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 11 केंद्रीय मंत्रालयों तथा विभागों की झांकियां कर्तव्य पथ पर देश के इतिहास, वर्तमान और भविष्य की झलक पेश करेंगी।
रक्षा मंत्रालय ने अगले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए झांकियों की थीम का खुलासा करते हुए इसको लेकर उठाए जा रहे विवादों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि झांकियों की पूरी चयन प्रक्रिया मजबूत, निष्पक्ष, पारदर्शी, योग्यता पर आधारित और किसी भी पूर्वाग्रह से मुक्त है।
झांकी के जरिए दुनिया देखेगी देश की सांस्कृतिक समावेशिता
मंत्रालय के मुताबिक चयनित झांकियां भारत की अलग-अलग क्षेत्र में ताकत और इसकी निरंतर विकसित होती सांस्कृतिक समावेशिता को गौरवशाली भविष्य की ओर अग्रसर होने को दुनिया के सामने पेश करेंगी। गणतंत्र दिवस परेड 2025 में राजधानी दिल्ली की झांकी शामिल नहीं किए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी प्रमुख दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की ओर से उठाए गए सवालों और विवाद के संदर्भ में रक्षा मंत्रालय ने परेड की थीम को उजागर वास्तविक स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से झांकी की थीम को लेकर सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि आरडीसी-2025 के लिए झांकियों का विषय ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’तय किया गया है। झांकियों के चयन में पारदर्शिता होने की तस्वीर साफ करते हुए कहा गया है कि इस वर्ष की शुरुआत से ही रक्षा मंत्रालय ने झांकियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर निर्णय लेने के लिए परामर्श प्रक्रिया अपनाई है। झांकियों की गुणवत्ता में सुधार पर विचार-विमर्श करने के लिए अप्रैल 2024 में वरिष्ठ अधिकारी स्तर पर एक बैठक आयोजित की गई थी।
झांकी के चयन को लेकर मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय के मुताबिक राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सुझावों के आधार पर झांकियों का विषय भी तय किया गया। परेड में भाग लेने के लिए झांकियों के चयन के लिए एक स्थापित प्रणाली है जिसका मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति करती है।
झांकी के विचारों का मूल्यांकन करते समय वैचारिक विशिष्टता और नवीनता, संप्रेषणीय संदेश के साथ रचनात्मक अभिव्यक्ति, प्रवाह, लय, अनुपात और संतुलन जैसे विवरणों पर विशेष ध्यान देते हुए इनका चयन किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को चाहे वे कर्त्तव्य पथ पर परेड के लिए चुने गए हों या नहीं उन्हें लाल किले में भारत पर्व (26-31 जनवरी 2025) के दौरान अपनी झांकी दिखाने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
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