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RFID चिप वाले ई-पासपोर्ट कितने सुरक्षित? जानिए गोपनीयता पर क्यों उठ रहे हैं सवाल

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May 13, 2025


अप्रैल 2025 से देश के 12 शहरों में ई-पासपोर्ट की सुविधा शुरू कर दी गई है। यह पासपोर्ट RFID चिप आधारिक होंगे जिनमें पासपोर्ट धारक की पूरी बायोमैट्रिक डिटेल्स मौजूद रहेंगी। हालांकि इस नए ई-पासपोर्ट को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। मसलन पासपोर्ट पर लगी RFID चिप को कब कौन और कैसे स्कैन कर सकता है? इसका जवाब अभी तक साफ नहीं हुआ है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 1 अप्रैल 2024 से भारत ने पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम 2.0 के तहत चिप आधारित पासपोर्ट जारी करने शुरू कर दिए हैं। इसकी शुरुआत चेन्नई, हैदराबाद और अमृतसर समेत 12 शहरों के पासपोर्ट दफ्तरों से की गई है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार ई-पासपोर्ट जारी होने के बाद लोगों के लिए जाली पासपोर्ट बनाना मुश्किल हो जाएगा। वहीं, ई-पासपोर्ट से इमिग्रेशन काउंटर पर व्यक्ति की पहचान का सत्यापन भी तेजी से किया जा सकेगा।

चिप में क्या-क्या होगा?

नए पासपोर्ट में एक गोल्ड चिप देखने को मिलेगी, जिसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (RFID) मौजूद रहेगा। इस चिप में पासपोर्ट धारक की फोटोस फिंगर प्रिंट और आईरिस स्कैन समेत पूरा बायोमेट्रिक डेटा मौजूद रहेगा।

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ICAO के नियमों का पालन

यह पासपोर्ट अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के द्वारा दिए गए वैश्विक मानकों का पालन करता है। इस चिप में व्यक्ति के डिजिटल हस्ताक्षर भी मौजूद रहेंगे। ICAO सभी देशों को इसके सत्यापन की अनुमति देता है। हालांकि, ICAO के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के पर्सनल डेटा को उजागर नहीं किया जा सकता है। ऐसे में ई-पासपोर्ट को लेकर कई सवाल हैं, जिनके जवाब अभी तक सामने नहीं आए हैं।

ई-पासपोर्ट पर बना होता है यह चिन्ह। फोटो- सोशल मीडिया

ई-पासपोर्ट पर उठ रहे सवाल

सरकार ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि-

  • ई-पासपोर्ट में लगी चिप को कौन स्कैन कर सकता है?
  • मसलन क्या एयरलाइंस, बैंक या कूरियर सेवाएं देने वाली निजी कंपनियां चिप का डेटा हासिल कर सकेंगी?
  • क्या स्कैन किए गए डेटा को स्टोर करने से जुड़े कोई प्रतिबंध होंगे?
  • पासपोर्ट धारक चिप में संग्रहित डेटा देख सकेंगे?
  • क्या धारक यह चेक कर सकेंगे कि उनके पासपोर्ट के डेटा का एक्सेस कहां और किसके पास है? 
  • पासपोर्ट धारकों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए किस तरह के इंतजाम किए गए हैं?

बारकोड में भी खड़ी हुईं समस्याएं

बता दें कि इस साल की शुरुआत में सरकार ने पासपोर्ट पर छपे आवासीय पते को बारकोड में तब्दील कर दिया था। मगर इस बदलाव से नई समस्याएं खड़ी हो गई हैं। कोई भी शख्स आम स्कैनर का इस्तेमाल करके बारकोड स्कैन कर लेता है और आवासीय पते की जानकारी आसानी से हासिल कर ली जाती है।
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