दोस्त रूस का भारत को जबरदस्त ऑफर
रूस के इस ऑफर से चीन की हवा टाइट हो सकती है, क्योंकि इससे भारत को अपनी सेना तक एडवांस हथियार पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अगर भारत, रूस के इस ऑफर को स्वीकार करता है, तो डोनाल्ड ट्रंप को झटका लगेगा, जो भारत को एडवांस हथियार बेचकर अरबों डॉलर कमाना चाह रहे हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस डॉट कॉम के साथ बातचीत में रूसी कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “रोसोबोरोनएक्सपोर्ट भारत के भविष्य के डिफेंस प्रोग्राम में भाग लेने के लिए तैयार है, जिसमें भारतीय सेना की स्पेशल मांगों के मुताबिक एडवांस बख्तरबंद वाहन विकसित करना भी शामिल है।”
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि “हम अपने भारतीय साझेदारों के साथ मिलकर भारत के लिए भविष्य के बख्तरबंद वाहन बनाने के लिए तैयार हैं।” रूसी कंपनी ने इस बात पर जोर डाला है कि आधुनिक रूसी बख्तरबंद लड़ाकू वाहन अपनी बेहतर लड़ाकू क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें भारत की उभरती रक्षा जरूरतों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प बनाता है। रूसी कंपनी के प्रस्ताव में मौजूदा रूसी मॉडलों के आधार पर भारत के लिए एक हल्के टैंक का ज्वाइंट डेवलपमेंट भी शामिल है। इससे भारत को एक बड़ा फायदा ये है कि इस टैंक में पहले से बने गोला-बारूदों को भी लगाया जा सकता है।
रूसी डिफेंस कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक रूस भारत के साथ तोपखाना सिस्टम के निर्माण में भी साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है, जिसके तहत भारत में कई लॉन्च रॉकेट सिस्टम और छोटे-कैलिबर के गोले के लिए रॉकेट के उत्पादन को भी व्यवस्थित करने की योजना है। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट का मानना है कि गोला-बारूद में रूसी टेक्नोलजी का फायदा भारत और रूस के वास्तविक युद्ध से मिले अनुभवों के आधार पर तैयार किए जा सकते हैं, जो भारत के रक्षा आधुनिकीकरण प्रयासों के लिए रूस का एक मूल्यवान भागीदार बनाता है।”
भारत-रूस ज्वाइंट T-90MS टैंक का उत्पादन
आपको बता दें कि रोसोबोरोनएक्सपोर्ट पहले से ही भारतीय सेना को एडवांस करने के लिए काम करता आया है। लद्दाख में रूसी मूल के टी-90 भीष्म टैंकों की मौजूदा तैनाती इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण है। भारत की रक्षा रणनीति का अहम हिस्सा रहे इन टैंकों को दुनिया भर में सबसे भरोसेमंद और कारगर टैंकों में से एक माना जाता है। चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत की स्ट्रैटजिक जरूरतों के मुताबिक इन्हें तैनात किया गया है। अबू धाबी में हाल ही में आयोजित IDEX 2025 डिफेंस शो के दौरान, रूस ने इस टैंक के आधुनिक वैरिएंट T-90MS को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया था, जिसमें रिएक्टिव आर्मर, एडवांस फायर कंट्रोल सिस्टम और FPV ड्रोन और एंटी टैंक मिसाइलों जैसे एडवांस टेक्नोलॉजी शामिल हैं।
हालांकि हालिय समय में भारत की कोशिश डिफेंस सेक्टर में विविधता लाने की रही है। भारत ने रूस पर हथियारों को लेकर अपनी निर्भरता कम की है और इजरायल, फ्रांस, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों के साथ मजबूत डिफेंस संबंध बनाए हैं। लिहाजा रूस और अमेरिका दोनों के साथ हथियारों और उपकरणों का ज्वाइंट डेवलपमेंट और ज्वाइंट प्रोडक्शन की क्षमता भारत को अपनी स्ट्रैटजिक ऑटोनॉमी बनाए रखते हुए दोनों साझेदारियों की ताकत का लाभ उठाने का एक जबरदस्त मौका प्रदान करती है।