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Russia India T 90 Bhishma Tanks Su 57 Jet,SU-57 फाइटर जेट के बाद रूस का एक और धमाकेदार ऑफर, भारत ने माना तो चीन की होगी हवा टाइट, ट्रंप को भी लगेगा झटका! – russia big offer to india to joint hand in strategic partnership to strengthen indian military

Byadmin

Mar 5, 2025


मॉस्को: रूस भारत का आजमाया हुआ साथी है। रूस ने भारत को एसयू-57 स्टील्थ फाइटर जेट के भारत में उत्पादन करने का ऑफर दिया हुआ है। इसके साथ ही रूस ने इस एडवांस फाइटर जेट की टेक्नोलॉजी भी भारत को देने की बात कही है। लेकिन अब रूस एक कदम और आगे बढ़ गया है। रूस की प्रमुख हथियार कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट, जो एसयू-57 फाइटर जेट बनाता है, उसने एडवांस सैन्य उपकरणों के डेवलपमेंट और उत्पादन में भारत के साथ सहयोग करने की पेशकश की है। ये एक जबरदस्त ऑफर है। क्योंकि भारत मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी हथियारों का निर्माण और निर्यात करना चाहता है और अगर भारत, रूसी ऑफर को मानता है तो देश में ही एडवांस हथियारों का निर्माण हो सकेगा।रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के प्रस्ताव में भविष्य के बख्तरबंद वाहनों के निर्माण और रूसी मॉडल के आधार पर भारतीय सेना के लिए तैयार किए गए एक नए हल्के टैंक के डेवलपमेंट में संयुक्त प्रयास शामिल हैं। रूस के इस ऑफर को लेकर डिफेंस की दुनिया में काम करने वाले एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये साझेदारी, रूस और भारत के बीच टेक्नोलॉजिकल और इंडस्ट्रियल संबंधों को मजबूत करने का एक जबरदस्त मौका है। इसके जरिए भारत को उन हथियारों को देश में ही बनाने की इजाजत मिल जाएगी, जिसे अब तक भारत विदेशों से खरीदा आया है। इससे भारतीय सेना की स्ट्रैटजिक जरूरतों को भारतीय उत्पादन से ही पूरा किया जा सकेगा।

दोस्त रूस का भारत को जबरदस्त ऑफर
रूस के इस ऑफर से चीन की हवा टाइट हो सकती है, क्योंकि इससे भारत को अपनी सेना तक एडवांस हथियार पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अगर भारत, रूस के इस ऑफर को स्वीकार करता है, तो डोनाल्ड ट्रंप को झटका लगेगा, जो भारत को एडवांस हथियार बेचकर अरबों डॉलर कमाना चाह रहे हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस डॉट कॉम के साथ बातचीत में रूसी कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “रोसोबोरोनएक्सपोर्ट भारत के भविष्य के डिफेंस प्रोग्राम में भाग लेने के लिए तैयार है, जिसमें भारतीय सेना की स्पेशल मांगों के मुताबिक एडवांस बख्तरबंद वाहन विकसित करना भी शामिल है।”

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि “हम अपने भारतीय साझेदारों के साथ मिलकर भारत के लिए भविष्य के बख्तरबंद वाहन बनाने के लिए तैयार हैं।” रूसी कंपनी ने इस बात पर जोर डाला है कि आधुनिक रूसी बख्तरबंद लड़ाकू वाहन अपनी बेहतर लड़ाकू क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें भारत की उभरती रक्षा जरूरतों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प बनाता है। रूसी कंपनी के प्रस्ताव में मौजूदा रूसी मॉडलों के आधार पर भारत के लिए एक हल्के टैंक का ज्वाइंट डेवलपमेंट भी शामिल है। इससे भारत को एक बड़ा फायदा ये है कि इस टैंक में पहले से बने गोला-बारूदों को भी लगाया जा सकता है।

रूसी डिफेंस कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक रूस भारत के साथ तोपखाना सिस्टम के निर्माण में भी साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है, जिसके तहत भारत में कई लॉन्च रॉकेट सिस्टम और छोटे-कैलिबर के गोले के लिए रॉकेट के उत्पादन को भी व्यवस्थित करने की योजना है। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट का मानना है कि गोला-बारूद में रूसी टेक्नोलजी का फायदा भारत और रूस के वास्तविक युद्ध से मिले अनुभवों के आधार पर तैयार किए जा सकते हैं, जो भारत के रक्षा आधुनिकीकरण प्रयासों के लिए रूस का एक मूल्यवान भागीदार बनाता है।”

भारत-रूस ज्वाइंट T-90MS टैंक का उत्पादन
आपको बता दें कि रोसोबोरोनएक्सपोर्ट पहले से ही भारतीय सेना को एडवांस करने के लिए काम करता आया है। लद्दाख में रूसी मूल के टी-90 भीष्म टैंकों की मौजूदा तैनाती इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण है। भारत की रक्षा रणनीति का अहम हिस्सा रहे इन टैंकों को दुनिया भर में सबसे भरोसेमंद और कारगर टैंकों में से एक माना जाता है। चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत की स्ट्रैटजिक जरूरतों के मुताबिक इन्हें तैनात किया गया है। अबू धाबी में हाल ही में आयोजित IDEX 2025 डिफेंस शो के दौरान, रूस ने इस टैंक के आधुनिक वैरिएंट T-90MS को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया था, जिसमें रिएक्टिव आर्मर, एडवांस फायर कंट्रोल सिस्टम और FPV ड्रोन और एंटी टैंक मिसाइलों जैसे एडवांस टेक्नोलॉजी शामिल हैं।

हालांकि हालिय समय में भारत की कोशिश डिफेंस सेक्टर में विविधता लाने की रही है। भारत ने रूस पर हथियारों को लेकर अपनी निर्भरता कम की है और इजरायल, फ्रांस, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों के साथ मजबूत डिफेंस संबंध बनाए हैं। लिहाजा रूस और अमेरिका दोनों के साथ हथियारों और उपकरणों का ज्वाइंट डेवलपमेंट और ज्वाइंट प्रोडक्शन की क्षमता भारत को अपनी स्ट्रैटजिक ऑटोनॉमी बनाए रखते हुए दोनों साझेदारियों की ताकत का लाभ उठाने का एक जबरदस्त मौका प्रदान करती है।

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