रूस ने मंगलवार देर रात यूक्रेन पर अब तक का बड़ा हमला किया। यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक, रूस ने 500 से ज्यादा ड्रोन और करीब दो दर्जन मिसाइलें एक साथ दागीं। इस हमले का सबसे ज्यादा निशाना नागरिक ढांचा, खासतौर पर ऊर्जा संयंत्र बने हैं। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब सर्दियों का मौसम नजदीक आ रहा है और तीन साल से जारी युद्ध ने यूक्रेन की बिजली और हीटिंग व्यवस्था को पहले ही बुरी तरह प्रभावित कर रखा है।
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पुतिन पर को अंतरराष्ट्रीय अंकुश नहीं- जेलेंस्की
यूक्रेनी वायु सेना ने बताया कि हमले का केंद्र पश्चिमी और मध्य यूक्रेन रहा। इस दौरान कम से कम पांच लोग घायल हुए हैं। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यह हमला रूस की दम दिखाने की कोशिश है। उन्होंने चेतावनी दी कि व्लादिमीर पुतिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह दिखाना चाहते हैं कि उन पर कोई अंकुश नहीं है।
रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं- जेलेंस्की
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘पुतिन अपनी निर्दयता और दंड से बचने की मानसिकता दिखा रहे हैं। रूस की यह आक्रामकता इसलिए जारी है क्योंकि उसकी युद्ध अर्थव्यवस्था पर पर्याप्त अंतरराष्ट्रीय दबाव नहीं है। अब समय आ गया है कि रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं।’ जेलेंस्की ने अपने मंगलवार शाम के वीडियो संदेश में बताया कि रूस की तरफ से ड्रोन हमलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और अब दिनदहाड़े भी हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रूसी सेना ने मोर्चे के कुछ इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
ट्रंप की शांति योजना पर क्या अड़चन?
पिछले कुछ महीनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध को रोकने के लिए पहल की है। जेलेंस्की ने युद्धविराम और पुतिन के साथ आमने-सामने शांति वार्ता के ट्रंप के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। लेकिन रूस ने इसमें अड़चनें डाली हैं। क्रेमलिन ने इन शर्तों को लेकर असहमति जताई है, जिससे शांति प्रयास अटके हुए हैं।
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पुतिन की कूटनीतिक चाल
इसी बीच, पुतिन चीन में शीर्ष नेताओं से मिल रहे हैं। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। अमेरिका का आरोप है कि ये देश अलग-अलग तरीकों से रूस की मदद कर रहे हैं। उत्तर कोरिया ने रूस को सैनिक और गोला-बारूद भेजा है। चीन और भारत रूस से तेल खरीद रहे हैं, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को सहारा मिल रहा है।
यूरोपीय देशों से समर्थन जुटा रहे हैं जेलेंस्की
यूक्रेनी राष्ट्रपति लगातार यूरोपीय देशों का दौरा कर रहे हैं ताकि और समर्थन जुटाया जा सके। मंगलवार को वे डेनमार्क पहुंचे, जहां उत्तरी यूरोपीय और बाल्टिक देशों के नेताओं से नई सैन्य मदद और कूटनीतिक समर्थन पर चर्चा की। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जॉन हीली भी कीव पहुंचे और यूक्रेनी सेना को मजबूत करने के उपायों पर बैठक की। बुधवार को जेलेंस्की पेरिस जाएंगे, जहां उनकी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात होगी। गुरुवार को पेरिस में एक बड़ी बैठक होगी, जिसमें यूरोपीय और अमेरिकी नेता यूक्रेन के युद्ध के बाद सुरक्षा की गारंटी पर विचार करेंगे।