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Russia Ukraine War Latest News: Will Ukraine Or Russia Win The War Amid Putin Seeks Surrender Not Peace Deal

Byadmin

Jun 4, 2025


मास्‍को: यूक्रेन के रूसी बमवर्षक व‍िमानों पर भयानक ड्रोन हमले के बाद अब कई विश्‍लेषक यह दावा करने लगे हैं कि जेलेंस्‍की रूस के साथ युद्ध को जीत रहे हैं। वहीं तुर्की में हुई बातचीत के बाद रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने साफ कर दिया है कि रूस को यूक्रेन के सरेंडर के अलावा और कुछ भी स्‍वीकार नहीं है। यूक्रेन दूसरे दौर की बातचीत के बाद जहां कुछ रियायत देने का संकेत दिया, वहीं रूस अपने रुख पर अड़ा रहा। इससे शांति की संभावना न के बराबर रह गई है। रूस ने कहा है कि वह न केवल साल 2014 में कब्‍जा किए गए क्रीमिया की मान्‍यता चाहता है, बल्कि यूक्रेन से उन इलाकों का सरेंडर चाहता है जिस पर अभी तक पुतिन की सेना कब्‍जा भी नहीं कर पाई हैं और उन पर रूस अपना दावा करता है। रूस यूक्रेन पर ठीक उसी तरह की शर्तें थोपना चाहता है जैसा प्रथम विश्‍वयुद्ध के बाद जर्मनी के साथ किया गया था। यही नहीं रूस यह भी चाहता है कि युद्ध के खत्‍म होने के बाद यूक्रेन के आकार और हथियारों की तैनाती पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाएं। आइए समझते है कि फरवरी 2022 में शुरू हुए इस युद्ध में अब कौन जीत रहा है…

यूक्रेन के रूस पर हमले को अमेरिकी मीडिया ‘पर्ल हार्बर’ जैसा हमला करार दे रहा है। CSIS की रिपोर्ट के मुताबिक इस लड़ाई में अब तक 14 लाख लोग हताहत हुए हैं। एशिया टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले के बाद भी रूस धीरे धीरे ही सही यूक्रेनी सेना पर शिकंजा कस रहा। इसमें कहा गया है कि यूक्रेन की ओर से रूस पर किया गया ताजा ड्रोन हमला भी पुतिन को आर्थिक चोट पहुंचाकर उनसे बेहतर डील हासिल करने की कोशिश है या अमेरिका और नाटो को युद्ध में खुलकर शामिल होने के लिए मनाना है। यूक्रेन की ओर से नई रणनीति की शुरुआत अगस्‍त 2024 में रूसी इलाके क्रुस्‍क पर हमला करने के साथ शुरू हुई।

यूक्रेन को भारी पड़ा क्रुस्‍क हमला

यूक्रेन को क्रुस्‍क हमले में भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस अभियान में शामिल यूक्रेन के 75 हजार सैनिक या तो मारे गए या बुरी तरह से घायल हो गए हैं। इसी समय यूक्रेन ने युद्ध क्षेत्र के अलावा रूस के अंदर काफी दूरी तक ड्रोन से हमला करना शुरू कर दिया। इससे निपटने के लिए रूसी सैन्‍य दल ने छोटे छोटे समूह में काम करना शुरू कर दिया ताकि उनकी जान को बचाया जा सके। रूस की रणनीति है कि यूक्रेनी सेना पर शिकंजा कसा जाए और जहां तक संभव हो उन्‍हें फंसाया जाए। यूक्रेनी सेना की सप्‍लाई को काटा जाए। रूस अपने इस मिशन में काफी हद तक सफल रहा है।
कुर्स्‍क से यूक्रेनी सेना के भाग खड़े होने के बाद अब रूस ने पलटवार शुरू किया है और यूक्रेन के प्रांत सूमी पर जवाबी हमला शुरू किया है जो कुर्स्‍क से सटा हुआ है। अगर रूस सूमी पर कब्‍जा करता है तो इसके जरिए वह यूक्रेन की राजधानी कीव पर भी जमीनी हमला कर सकता है। इससे यूक्रेनी सेना का डिफेंस और कमजोर हो जाएगा। कुछ रूसी सैन्‍य ब्‍लॉगरों का कहना है कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता होता भी है तो यूक्रेन के अंदर रूसी सेना पर गुरिल्‍ला हमले जारी रहेगा। ऐसे में नाटो देश आने वाले कई वर्षों तक रूस के लिए संकट का सबब बने रहेंगे। जेलेंस्‍की की सेना रूस के यूक्रेन के कब्‍जा किए गए इलाकों में भी सफल हमले कर रही है।

क्‍या यूक्रेन की रणनीति काम करेगी?

यूक्रेन के लिए अच्‍छी बात यह है कि उसे अमेरिका और यूरोपीय देशों से खुफिया और तकनीकी जानकारी मिल रही है। इससे यूक्रेनी सेना बड़े हमले कर पा रही है। इसके अलावा यूक्रेन के पास खुद की ड्रोन बनाने की फैक्‍ट्री और विशेषज्ञ हैं। रूस के हमले से पहले यूक्रेन के साफ्टवेयर विशेषज्ञ दुनिया के अन्‍य देशों में काम करते थे। हालांकि यूक्रेन की रणनीति की कई सीमाएं हैं। पहला- ड्रोन हमले रूसी सेना के अटैक को धीमा कर सकते हैं, उन्‍हें पूरी तरह से रोक नहीं सकते हैं। वहीं रूसी सेना लगातार मिसाइल से लेकर बम तक से हमले कर रही है। यूक्रेन के लिए एक अन्‍य समस्‍या यह है कि यूरोप और अमेरिका से हथियारों की सप्‍लाई को सुनिश्चित करना है। साथ ही अपने जवानों को इन हथियारों के इस्‍तेमाल के लिए ट्रेनिंग देना।

ट्रंप के राज में अमेरिका यूक्रेन को हथियार देने से किनारा कर सकता है। वहीं अमेरिका को डर सता रहा है कि चीन ताइवान पर हमला कर सकता है। इस वजह से उसे हथियारों की जरूरत होगी। यूक्रेन की मुख्‍य समस्‍या आंतरिक और राजनीतिक है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति रूस को जमीन देना स्‍वीकार नहीं कर रहे हैं। जेलेंस्‍की सीजफायर के लिए तैयार हैं लेकिन रूस इसके लिए तैयार नहीं है। यूक्रेन कुछ इलाके रूस को देने के लिए तैयार हो सकता है लेकिन रूस का दावा ज्‍यादा है। वहीं यूक्रेन नाटो और अमेरिका के साथ अपने रिश्‍ते जारी रखेगा जो रूस को मंजूर नहीं है। रूस यूक्रेन की नाटो सदस्‍यता का खुलकर विरोध करता है। रिपोर्ट के मुताब‍िक रूस के आंतरिक हालात के बारे में बहुत कम जानकारी है।

रूस- यूक्रेन के बीच बंद होगी जंग ?

रूसी यूक्रेन की गैर परंपरागत रणनीति के सामने फेल हुए हैं लेकिन इससे बचाव के लिए वे ठोस उपाय नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि रूस अपने हमले को कम करने जा रहा है। ऐस प्रतीत होता है कि यूक्रेन की नई रणनीति का बहुत कम असर युद्ध पर पड़ेगा। वर्तमान समय में रूस ने हजारों जवानों की कुर्बानी देकर यूक्रेन के 5 प्रांतों में 19 फीसदी इलाके पर कब्‍जा कर लिया है। इसमें से 12 फीसदी इलाके पर रूस ने साल 2014 में उस समय कब्‍जा कर लिया था जब उसने क्रीमिया को अपने अधिकार में ले लिया था। पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन की 25 फीसदी जमीन पर रूस का कब्‍जा हो जाए जिसमें बफर जोन भी शामिल है।

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