मुसलमानों को दुकानें देने का आरोप
विनोद बंसल ने कहा कि वावर की मस्जिद में हिंदू श्रद्धालुओं से अर्चना करवाना हिंदू धार्मिक मान्यताओं और परम्पराओं का अपमान है। इसके अलावा उन्होंने सबरीमला के लिए प्रसाद वितरण की दुकानें मुसलमानों को देने को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यह सरेआम श्रद्धालुओं की भावनाओं और विश्वास के साथ धोखाधड़ी है।
षडयंत्र का लगाया आरोप
वीएचपी प्रवक्ता ने सबरीमला मंदिर मार्ग में मुस्लिम होटल्स को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हलाल भोजन और मुस्लिम होटलों में खाना खाने के लिए भक्तों को मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के इस पवित्र तीर्थ को खत्म करने का कम्युनिस्ट सरकार का यह प्रयास है। उन्होंने इसे जिहादी षडयंत्र बताया।
क्या है सबरीमला तीर्थ यात्रा का इतिहास?
सबरीमाला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए आते हैं। साल में 41 दिनों के कठिन व्रत और निष्ठा का अनुष्ठान होता है। लोग जंगली रास्ते और पहाड़ी के रास्ते पैदल और नंगे पांव भगवान अयप्पा के मंदिर पहुंचते हैं।
क्या है वावर मस्जिद में विवाद
स्वामी अयप्पा मंदिर में जाने से पहले यहां आने वाले श्रद्धालुओं को करीब साठ किलोमीटर दूर इस वावर मस्जिद में जाना पड़ता है। यह मस्जिद इरुमलै इलाके में स्थित है। सबरीमला यात्रा का नियम है कि लोगों को इस मस्जिद में रुकना जरूरी होता है। वह यहां अर्चना करते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। सफेद रंग की मस्जिद में आने के बाद भक्त मस्जिद की परिक्रमा करते हैं। यहां उन्हें प्रसाद में काली मिर्च और विभूति दी जाती है।