• Tue. Jan 21st, 2025

24×7 Live News

Apdin News

Santakda Festival,Lucknow News: गूंजेंगे लखनऊ की गलियों की गुफ्तगू के किस्से, 31 जनवरी से यहां आना न भूलें – santakada festival from 31st january lucknow stories and tales

Byadmin

Jan 21, 2025


लखनऊ: यूं तो बनारस और लखनऊ एक-दूसरे से बहुत अलग हैं, पर एक चीज दोनों की खासियत है और वो है, यहां की गलियां। इन्हीं गलियों में छिपी तमाम दास्तानों और वाशिंदो की खट्टी-मीठी जिंदगी को समेटे सनतकदा फेस्टिवल का 31 जनवरी से आगाज होने जा रहा है। मीडिया प्रभारी प्रांजलि शर्मा के अनुसार 4 फरवरी तक चलने वाले फेस्टिवल की थीम गली-कूचे को शहर की 70 गलियों को देखने के बाद तैयार किया गया है। इनमें से 25 गलियों को चिह्नित किया गया था, जिनकी झलक फेस्टिवल में देखने को मिलेंगी। चयनित गलियों को ऐतिहासिक, आर्किटेक्चर, व्यावसायिक और रहन-सहन के आधार पर चार अलग-अलग भागों में रखा गया है।

प्रदर्शित होंगी तीन फिल्में

फेस्टिवल के दौरान गलियों की विशेषताओं, इनके इतिहास, इनमें स्थित खास डिजाइन की इमारतों और वहां के वाशिंदों के किस्सों पर आधारित तीन फिल्में ‘गलियों में लखनऊ’, ‘गलियों के साथी’ और ‘हमारी गली-हमारी दुनिया’ भी प्रदर्शित होगी। कई सारी प्रदर्शनियों में गलियों के मकान में हुई टाइपोग्राफी, गलियों के लोगों का नजरिया दिखाती तस्वीरें और पेंटिंग्स के साथ कलकत्ता और लखनऊ दोनों जगह की पान की दुकानों की तस्वीरें भी देखने को मिलेंगी। इसके अलावा पहली बार थीम पर आधारित मैगजीन भी निकाली जाएगी, जिसमें इन गलियों और यहां वाशिंदों की सुनी-अनसुनी कहानियां होंगी।

पहली बार फैशन शो

फेस्टिवल में पहली बार फैशन शो का भी आयोजन होगा। इसमें लखनऊ के मॉडल ही शामिल किए जाएंगे। इसके लिए ऑडिशन चल रहा है। फैशन शो की खासियत होगी हमारी संस्कृति को दर्शाते कपड़े, जिनका वर्तमान में चलन काफी कम हो गया है। इसके साथ ही टुकड़ी, बांधनी और जरदोजी आदि का क्राफ्ट डेमोंस्ट्रेशन भी होगा। पिछली बार से शुरू हुई हुस्न ए कारीगरी लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार की परंपरा भी जारी रहेगी। यह पुरस्कार इस बार लाख की चूड़ियां बनाने वाली बानो को दिया जाएगा।

चयनित गलियां

टकसाल गली, पसंदबाग, बान वाली गली, पारचे वाली गली, बर्तन वाली गली, मारवाड़ी गली, बताशे वाली गली, रस्तोगी टोला, झउए वाली गली, रस्सी बटान, कच्चा हाता, हकीम वाली गली, चावल वाली गली, पत्थर वाली गली, सिरके वाली गली, कुम्हार वाली गली, बब्बू वाली गली, मिर्ज़ा मंडी यानी नागर साहब की हवेली वाली गली, मकबरा मीर अनीस, निशातगंज की साढ़े सात गली, मछली मोहाल, चूड़ी वाली गली, बछान वाली गली, नरही की गलियां, मशकगंज की गलियां, बंबे वाली गली, कल्लू पंडित की गली।

खास प्रस्तुतियां

  • 31 जनवरी : ओ गानेवाली ग्रुप की प्रस्तुति। अवंती पटेल की दादरा ठुमरी की प्रस्तुति।
  • 1 फरवरी : रामपुर घराने के नियाजी ब्रदर्स की कव्वाली के साथ ही अस्करी नकवी की प्रस्तुति।
  • 2 फरवरी : सुबह शास्त्रीय रागों की प्रस्तुति ओमकार दादरकर देंगे। शाम को दायरा-जादू बस्तर बैंड की प्रस्तुति।
  • 3 फरवरी : शिल्पा मुदबी और आदित्य द्वारा येलेमा एंड अदर्स स्टोरी में क्विर समुदाय की देवी और उनसे जुड़ी कहानियों पर संगीतमय प्रस्तुति, अभिजीत रॉय चौधरी और दीपांकर रॉय चौधरी की क्रमशः सरोद और स्लाइड गिटार पर ग्रुप परफॉर्मेंस।
  • 4 फरवरी : समारोह की अंतिम शाम वाइल्ड वाइल्ड वूमनिया से सजेगी और शहर की गलियों पर आधारित फिल्में भी दिखाई जाएंगी।

By admin