नागपुर में सांप्रदायिक झड़पों के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। हिंसा के कथित मास्टरमाइंड फहीम खान सहित 6 आरोपियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत सूचना देकर अशांति फैलाने के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया है। पुलिस उपायुक्त लोहित मतानी ने बताया कि मामले की तफ्तीश के दौरान कई अन्य लोगों के खिलाफ भी देशद्रोह की धाराएं लगाई जा सकती हैं।
नागपुर पुलिस ने हिंसाग्रस्त क्षेत्र में शांति स्थापित होने के बाद चरणबद्ध तरीके से कर्फ्यू में ढील देना शुरू किया है। नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने कहा, “हम स्थिति का अध्ययन कर रहे हैं और निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि नागपुर हिंसा मामले में अब तक 91 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 80 वयस्क और 11 नाबालिग शामिल हैं। आयुक्त सिंघल ने बताया कि नंदनवन और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में लगाया गया कर्फ्यू पूरी तरह हटा लिया गया है, जबकि लकड़गंज, पंचपावली, शांति नगर, सक्करदरा और इमामवाड़ा क्षेत्रों में दो घंटे की छूट के साथ कर्फ्यू में ढील दी गई है। हालांकि, कोतवाली, तहसील और गणेश पेठ पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाकों में कर्फ्यू पूरी तरह लागू रहेगा।
नागपुर साइबर के प्रमुख डीसीपी लोहित मतानी ने कहा कि अब तक चार एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि हमने फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब अधिकारियों से उनके प्लेटफॉर्म पर 230 प्रोफाइल के बारे में जानकारी मांगी है और उन्हें ब्लॉक करने का अनुरोध किया है। पुलिस उपायुक्त ने कहा कि जैसे ही विभाग को जानकारी मिलेगी, आरोपियों की पहचान की जाएगी और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। हमारी जांच से पता चला है कि सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो शेयर किए जाने के बाद शुरू में गलत सूचना फैलाई गई, जिससे हिंसा भड़की और फिर और वीडियो में हिंसा का महिमामंडन किया गया।
इस बीच, महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। किसी भी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, उन्हें 48 घंटे के भीतर मुआवजा दिया जाना चाहिए।
सोशल मीडिया पर 140 से अधिक आपत्तिजनक सामग्री की पहचान
महाराष्ट्र साइबर विभाग ने नागपुर में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सांप्रदायिक अशांति फैलाने के उद्देश्य से पोस्ट और वीडियो सहित 140 से अधिक आपत्तिजनक सामग्री की पहचान की है। इन पोस्टों और वीडियो को फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब पर अपलोड किया गया था।अधिकारियों ने बताया कि इस सामग्री को तुरंत हटाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत नोटिस जारी किए गए हैं। इसके अलावा, इन सोशल मीडिया खातों के संचालकों की पहचान उजागर करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत भी नोटिस भेजे गए हैं। बता दें कि महाराष्ट्र साइबर ने नागपुर सिटी साइबर पुलिस स्टेशन के साथ मिलकर इन खातों को ट्रैक किया, जो जानबूझकर एक विशेष धार्मिक समूह की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सांप्रदायिक अशांति फैलाने के प्रयास में थे।
टिन की चादरों से ढका गया औरंगजेब का मकबरा
महाराष्ट्र के संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग के बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 18वीं सदी के इस ढांचे को दोनों तरफ से टिन की चादरों से ढंक दिया।
यह निर्णय जिला प्रशासन ने दो दिन पहले लिया था। कलेक्टर दिलीप स्वामी और पुलिस अधीक्षक विनय कुमार राठौड़ ने एएसआई अधिकारियों के साथ दो दिन पूर्व खुलताबाद स्थित मकबरे का दौरा किया था। एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात को ढांचे के दोनों तरफ टिन की चादरें और तार की बाड़ लगा दी गई। एक वरिष्ठ जिला अधिकारी ने बताया कि मकबरे के चारों ओर एक गोलाकार बाड़ भी लगाई जाएगी।