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Sitharaman Answer In Rajya Sabha,इनकम टैक्स में कटौती से केवल अमीर लोगों को ही फायदा मिलेगा? जानिए सीतारमण ने क्या कहा – finance minister nirmala sitharaman takes dig at opposition on income tax rebate

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Feb 13, 2025


नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 में कई क्षेत्रों और राज्यों के लिए आवटंन में कटौती के विपक्ष के आरोपों को निराधार करार देते हुए गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि आयकर सीमा बढ़ाने सहित बजट में घोषित विभिन्न उपायों से मध्यम वर्ग के लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी। सीतारमण ने आम बजट पर उच्च सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बजट में उन सभी समस्याओं को ध्यान में रखा गया है जो आज देश के समक्ष हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों द्वारा ली जा रही उधारी के कारण ब्याज का बोझ एक समस्या है। इससे उबरने के लिए बुद्धिमत्ता से राजकोषीय प्रबंधन करना आवश्यक उपाय है।वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस बार बजट इस तरह से बनाया है कि विकास को गति मिल सके, समावेशी विकास हासिल किया जा सके, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिल सके, गृहस्थ लोगों की भावनाओं को बल दिया जा सके तथा भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से क्रय शक्ति बढ़ायी जा सके। उन्होंने कहा कि बजट में चार वर्गों-गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि पूरी अर्थव्यवस्था को बल मिले। उन्होंने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं में इन वर्गों का ध्यान रखा गया है ताकि उन्हें लाभ मिल सके।

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कैपेक्स में नहीं की कटौती

सीतारमण ने कहा कि बजट में पूंजीगत व्यय पर पूरा ध्यान रखा गया है। उन्होंने पिछले साल के आंकड़े देते हुए कहा कि आगामी वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय में कोई कमी नहीं की गयी है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में प्रभावी पूंजीगत व्यय 19.80 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि चर्चा में शामिल कुछ सदस्यों ने विभिन्न क्षेत्रों में बजटीय आवंटन घटाने की बात की थी।

वित्त मंत्री ने इन आशंकाओं को निर्मूल करार देते हुए कहा कि क्षेत्रवार बजट आवंटन में कोई कमी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.71 लाख करोड़ रूपये, ग्रामीण विकास के लिए 2.67 लाख करोड़ रूपये, शहरी विकास एवं परिवहन के लिए 6.45 लाख करोड़ रूपये, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए 2.27 लाख करोड़ रूपये तथा रक्षा क्षेत्र के लिए 4.92 लाख करोड़ रूपये (इसमें रक्षा क्षेत्र का पेंशन व्यय शामिल नहीं है) का बजट आवंटन किया गया।

उन्होंने कहा कि 2025-26 में राज्यों को दिए गए कुल संसाधनों का मूल्य 25.01 लाख करोड़ रूपये होगा और इस प्रकार इसमें 4.92 लाख करोड़ रूपये की वृद्धि होगी। सीतारमण ने कहा कि सरकार महंगाई पर लगाम लगाने और नागरिकों पर बोझ न पड़े, इसके लिए कदम उठाती रहेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सीपीआई पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर के 5.22 प्रतिशत से घटकर जनवरी में 4.31 प्रतिशत हो गई। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक को दिए गए चार प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है।

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किसे होगा फायदा

इस दौरान सदन में तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल को बजट आवंटन के मुद्दों पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तकरार भी हुई। हालांकि, सीतारमण ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार ने कभी किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत के हितों को सर्वोपरि रखते हुए बजट आकलन को यथासंभव सटीक रखने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है और हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कई आयात पर भी इसका असर हो सकता है।

सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक रुपये में उतार-चढ़ाव पर नजर रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार के बजट आंकड़े हमेशा यथार्थवादी होते हैं तथा इन्हें न तो कम करके बताया जाता है और न ही बढ़ाकर। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने कोविड संकट के दौरान अर्थव्यवस्था को बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ाया और देश दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा। उन्होंने विपक्षी दलों के इस दावे का भी खंडन किया कि आयकर प्रोत्साहन से केवल अमीर लोगों को ही फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग की आयकर देनदारी में उल्लेखनीय कमी आएगी।

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