पर्यावरण की रक्षा में सहयोग
अर्थ तत्व कंपनियों से खराब सिरेमिक सामान लेता है। इस सामान को फिर से इस्तेमाल करने लायक बनाया जाता है। शशांक कहते हैं, ‘हमारा पेटेंट वाला रिसाइकिल सिरेमिक मटेरियल TatvaMix प्राकृतिक संसाधनों की खुदाई को 60 फीसदी तक कम करता है। इससे पर्यावरण की रक्षा करने में मदद मिलती है। TatvaMix पारंपरिक सिरेमिक से 35 फीसदी अधिक मजबूत है। इसे पकाने के लिए कम एनर्जी की आवश्यकता होती है।’
कैसे हुई अर्थ तत्व की शुरुआत
शशांक ने साल 2016-19 में अहमदाबाद के एक इंस्टीट्यूट से सिरेमिक और ग्लास डिजाइन का कोर्स किया था। पढ़ाई के दौरान सिरेमिक कंपनियों का दौरा किया। वहां उन्होंने देखा कि टूटे-फूटे सिरेमिक प्रोडक्ट का काफी कचरा इकट्ठा था। यह बायोडिग्रेडेबल नहीं होते।
कुछ रिसर्च के बाद उन्होंने पाया कि भारत में कुल सिरेमिक प्रोडक्शन का करीब 15 से 30 फीसदी बर्बाद जाता है। उन्होंने इस कचरे को रीसाइकिल करने के बारे में प्लान बनाया। साल 2020 में गुजरात सरकार की ओर से 20 लाख रुपये का अनुदान मिला। इसके बाद साल 2021 में उन्होंने अर्थ तत्व की शुरुआत कर दी।
कैसे काम करती है कंपनी?
इनकी कंपनी सिरेमिक कचरे को ढालने योग्य मिट्टी में बदलती है। इसके बाद इसमें शुद्ध मिट्टी मिलाई जाती है। यह नेचुरल बाइंडर के रूप में काम करती है। फिर इसे कई और प्रोसेस से गुजारा जाता है और इससे एक नया घोल तैयार किया जाता है। इस घोल से सिरेमिक के दूसरे नए आइटम बनाए जाते हैं।
कितनी है कमाई?
इनकी कंपनी कई जगह रीसाइकिल सिरेमिक से बने प्रोडक्ट बेच रही है। काफी ग्राहक इनसे रीसाइकिल मिट्टी भी खरीदते हैं। इस मिट्टी पर कई तरह के डिजाइन तैयार किए जाते हैं। कई बड़े ब्रांड भी इनके साथ काम करने के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं।
शशांक की कारोबार में चार लोग काम करते हैं। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इन्हें वह 10 हजार रुपये प्रति महीने की सैलरी भी देते हैं। इनकी कंपनी की रेवेन्यू क्या है, इसके बारे में कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि इंटरनेट पर मौजूद कुछ जानकारी के मुताबिक इनकी कंपनी का सालाना रेवेन्यू कई लाख रुपये में है।