ऋषि सुनक
– फोटो : इंस्टाग्राम/ऋषि सुनक
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राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने दामाद ऋषि सुनक की जमकर तारीफ की है। मूर्ति ने कहा कि ऋषि को अपने माता-पिता से अच्छे भारतीय संस्कार मिले हैं और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों वाले ब्रिटिश नागरिक हैं। सुधा मूर्ति ने शनिवार शाम को लंदन में भारतीय विद्या भवन के वार्षिक दिवाली समारोह में शिरकत की। इस दौरान यूके के पूर्व पीएम ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
सुधा मूर्ति ने कहा- अपनी जड़ों से जुड़े रहें
सुधा मूर्ति ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि ‘मेरा हमेशा मानना है कि जब आप विदेश में रहते हैं, तो माता-पिता को दो चीजें करनी चाहिए: एक अच्छी शिक्षा, जो आपको उड़ने के लिए पंख देती है; दूसरा महान संस्कृति, आपकी उत्पत्ति भारतीय जड़ों से हुई है, जो आपको अपने माता-पिता के साथ भारतीय विद्या भवन में मिल सकती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी सहेली और अच्छी मित्र उषा जी को बधाई देना चाहती हूं, जिन्होंने अपने बेटे ऋषि सुनक, जो पूर्व प्रधानमंत्री हैं, को भारतीय संस्कृति से जोड़े रखने का बेहतरीन काम किया, इससे ऋषि एक गौरवान्वित ब्रिटिश नागरिक बने और साथ ही उनमें अच्छे भारतीय सांस्कृतिक मूल्य भी आए। जिस दौरान सुधा मूर्ति ने ये बात कही उस वक्त ऋषि सुनक के माता-पिता ऊषा और यशवीर सुनक भी दर्शकों में मौजूद थे।
विद्या भवन की मदद की अपील भी की
सुधा मूर्ति ने ब्रिटिश भारतीय समुदाय से भारतीय विद्या भवन यूके की सांस्कृतिक गतिविधियों को मजबूती देने के लिए ‘मानसिक, शारीरिक और वित्तीय’ मदद देने की अपील की। उन्होंने यूके में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों से अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति को समझने के लिए भेजने की भी अपील की। दिग्गज भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायणमूर्ति की पत्नी और मशहूर लेखिका सुधा मूर्ति ने कहा कि ‘आपको अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति को समझने के लिए यहां भेजना चाहिए क्योंकि जब आप बड़े हो जाते हैं तो लोगों का अपनी जड़ों की ओर झुकाव हो जाता है। भारतीय विद्या भवन उस कमी को पूरा करता है।
दिवाली कार्यक्रम में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
कार्यक्रम के दौरान यूके में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी भी शामिल हुए और उन्होंने भी सुधा मूर्ति के विचारों की सराहना की। विद्या भवन यूके के अध्यक्ष सुभानु सक्सेना और कार्यकारी निदेशक डॉ एम.एन. नंदकुमार ने वैदिक मंत्रों के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की और भारतीय कला, संगीत, नृत्य, योग और भाषाओं में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विद्या भवन की कई उपलब्धियों के बारे में बताया। गौरतलब है कि लंदन स्थित भारतीय विद्या भवन 23 विभिन्न विषय क्षेत्रों में 120 से अधिक कक्षाएं प्रदान संचालित करता है। ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति ने कार्यक्रम के दौरान विद्या भवन के लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। दिवाली समारोह के दौरान छात्रों और शिक्षकों ने अपने कुचिपुड़ी, कथक और भरतनाट्यम कौशल का प्रदर्शन किया।