सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि औद्योगिक जमीन के आवंटन का प्रबंधन पूरी तत्परता निष्पक्षता और जनहित के अनुरूप होना चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कमला नेहरू मेमोरियल ट्रस्ट (केएनएमटी) को दी गई 125 एकड़ भूमि को रद करने के उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) के फैसले को बरकरार रखा।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि औद्योगिक जमीन के आवंटन का प्रबंधन पूरी तत्परता, निष्पक्षता और जनहित के अनुरूप होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला बरकरार रखा
कोर्ट ने इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कमला नेहरू मेमोरियल ट्रस्ट (केएनएमटी) को दी गई 125 एकड़ भूमि को रद करने के उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) के फैसले को बरकरार रखा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर की पीठ ने 1975 में स्थापित धर्मार्थ संस्था केएनएमटी की अपील को खारिज कर दिया। इस ट्रस्ट ने 2017 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की थी। हाई कोर्ट ने सुलतानपुर जिले के जगदीशपुर के उतेलवा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित भूमि के आवंटन को रद कर दिया था।
पक्षों की ओर से उठाए गए विवादों की विस्तृत जांच
उच्चतम न्यायालय ने यूपीएसआइडीसी द्वारा 2003 में फूलों की खेती के उद्देश्य से ट्रस्ट को भूमि का बड़ा हिस्सा आवंटित करने की जल्दीबाजी और मुकदमा शुरू होने के बाद जगदीशपुर पेपर मिल्स लिमिटेड को वैकल्पिक आवंटन पर विचार करने में निगम द्वारा दिखाई गई तत्परता की भी आलोचना की।
पीठ ने कहा, ‘पक्षों की ओर से उठाए गए विवादों की विस्तृत जांच, तथ्यात्मक और कानूनी मैट्रिक्स का समग्र विश्लेषण और परिणामी निष्कर्षों के मद्देनजर हम यूपीएसआइडीसी द्वारा आवंटन रद किए जाने को बरकरार रखते हैं।’
इसके साथ ही यह भी कहा कि यूपीएसआइडीसी द्वारा जगदीशपुर पेपर मिल्स लिमिटेड के पक्ष में किया गया वास्तविक आवंटन या किसी भी प्रस्ताव को गैरकानूनी और सार्वजनिक नीति के विपरीत घोषित किया जाता है। परिणामस्वरूप इसे रद किया जाता है।