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Supreme Court Disposes Habeas Corpus Petition Against Isha Yoga Centre – Amar Ujala Hindi News Live

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Oct 18, 2024


supreme court disposes habeas corpus petition against isha yoga centre

सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


सुप्रीम कोर्ट ने ईशा योग केंद्र को बड़ी राहत देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा कर दिया। यह याचिका एक पिता द्वारा दायर की गईं थी, जिसने आरोप लगाया था कि उसकी दो बेटियों को ईशा योग केंद्र में बंधक बनाकर रखा गया है।  सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की बेटियों के बयान को माना, जिसमें दोनों ने कहा कि वे अपनी इच्छा से आश्रम में रह रही हैं और कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र हैं। दोनों महिलाओं की उम्र 39 और 42 साल है।

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कोर्ट ने की ये टिप्पणी

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों महिलाओं के पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई बंद करने का आदेश दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले का ईशा योग केंद्र के खिलाफ चल रहे अन्य मामलों पर कोई असर नहीं होगा। कोर्ट ने अपने फैसले में ईशा योग केंद्र को सलाह देते हुए कहा कि जब आपके आश्रम में महिलाएं और नाबालिग बच्चे हैं तो आपको आंतरिक शिकायत कमेटी गठित करने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि इस सलाह का उद्देश्य किसी संगठन को बदनाम करना नहीं है बल्कि सिर्फ ये बताना है कि कुछ चीजों का ध्यान रखा जाना चाहिए।

क्या है मामला

रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने ईशा योग केंद्र के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में एस कामराज ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटियों को आश्रम में बंधक बनाकर रखा गया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन से जुड़े सभी आपराधिक मामलों की जानकारी मांगी थी। 1 अक्तूबर 2024 को बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने फाउंडेशन के मुख्यालय पहुंचकर तलाशी अभियान चलाया था। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ ईशा योग केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जहां अब सुप्रीम कोर्ट ने ईशा योग केंद्र को राहत देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई बंद करने का आदेश दिया। 

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि दोनों महिलाएं अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही हैं और उनके साथ कोई जबरदस्ती नहीं की जा रही है। पुलिस ने भी अपने हलफनामे में यही बात कही। कोर्ट ने कहा कि महिलाएं बालिग हैं उन्हें यह तय करने का अधिकार है कि वे कहां रहना चाहती हैं।   

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