• Fri. Nov 8th, 2024

24×7 Live News

Apdin News

Supreme Court On Amu Minority Status,एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा रहेगा बरकरार या होगा खत्म? सुप्रीम कोर्ट में पढ़ा जा रहा है फैसला, हर अपडेट – supreme court decision on minority status aligarh muslim university live updates

Byadmin

Nov 8, 2024


नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सात सदस्यीय संविधान पीठ तय करेगी कि यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा बना रहेगा या नहीं। इससे पहले सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पीठ में सीजेआई के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला, जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एससी शर्मा शामिल हैं।

सीजेआई ने अनुच्छेद 30A का हवाला देकर पूछा सवाल

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि अनुच्छेद 30A के तहत किसी संस्थान को अल्पसंख्यक मानने के क्या मानदंड हैं? सीजेआई ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि संघ उस प्रारंभिक आपत्ति पर जोर नहीं दे रहा है कि सात न्यायाधीशों को रेफरेंस नहीं किया जा सकता है। यह विवादित नहीं है कि अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों को भेदभाव न करने का अधिकार देता है। सवाल यह है कि क्या उन्हें भेदभाव न करने के अधिकार के साथ-साथ कोई विशेष अधिकार भी प्राप्त है।

उन्होंने आगे कहा कि किसी भी नागरिक की ओर से स्थापित एक शैक्षणिक संस्थान को अनुच्छेद 19(6) के तहत विनियमित किया जा सकता है। इस अदालत ने कहा है कि अनुच्छेद 30 के तहत अधिकार पूर्ण नहीं है। अनुच्छेद 19(6) के तहत अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों का विनियमन की अनुमति है, बशर्ते कि यह संस्थान के अल्पसंख्यक चरित्र का उल्लंघन न करे।

4 जजों का फैसला एक,3 का अलग

एएमयी के अल्पसंख्यक दर्जे पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला पढ़ा जा रहा है। इस मु्द्दे पर 4 जजों का एक मत है तो वहीं 3 जज ऐसे हैं जो इसके खिलाफ है।मुख्य न्यायाधीश ने खुद, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जस्टिस जेडी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा के साथ मिलकर बहुमत का फैसला लिखा।जबकि न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा ने असहमति का फैसला दिया। इस मामले को 7 जजों की बेंच सुन रही थी।

इस मामले में कुल 4 अलग-अलग राय हैं। मैंने बहुमत का फैसला लिखा है। तीन जजों ने अलग-अलग असहमति के फैसले लिखे हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति शर्मा ने अपनी-अपनी असहमति की राय लिखी है। इसलिए यह 4:3 का फैसला है।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचू

सीजेआई के नेतृत्व वाली संविधान पीठ सुनाएगी फैसला

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2006 के एक फैसले के संबंध में सुनवाई कर रही थी। हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है। साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने इस मामले को सात जजों की पीठ को सौंप दिया था।

AMU से लेकर मदरसों तक… रिटायरमेंट के आखिरी दिनों में CJI चंद्रचूड़ इन 3 बड़े मामलों में सुनाएंगे फैसले!

सात जजों की संविधान पीठ देगी फैसला

सात जजों की संविधान पीठ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को भारत के संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने के संबंध में दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई की और बाद में फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने इस मामले की आठ दिनों तक सुनवाई की थी।

क्या है पूरा मामला

साल 1968 के एस. अजीज बाशा बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एएमयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय माना था, लेकिन साल 1981 में एएमयू अधिनियम 1920 में संशोधन लाकर संस्थान का अल्पसंख्यक दर्जा बहाल कर दिया गया था। बाद में इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई और यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।

By admin