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Survey Report: 10 में से 5 कर्मचारी चाहते हैं नौकरी छोड़ना, जान लीजिए कारण – five in 10 indian employees willing to leave jobs that donot offer flexibility says survey report

Byadmin

Mar 4, 2025


नई दिल्ली: ऐसी कहावत है कि कोई भी व्यक्ति अपनी नौकरी को लेकर संतुष्ट नहीं है। लेकिन, ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि कर्मचारी अपनी नौकरी को ही छोड़ने को मन बना लें। लेकिन रैंडस्टैड इंडिया के वर्कमॉनिटर 2025 सर्वे (Randstad India’s Workmonitor 2025 survey) के नतीजे से ऐसा ही कुछ लगता है। इसके परिणाम आज जारी हुए हैं। इस सर्वे में भारतीय कर्मचारियों की बदलती प्राथमिकताओं पर रोशनी डाली गई है। सर्वे के मुताबिक, 52% कर्मचारी ऐसी नौकरियां छोड़ने को तैयार हैं जो उन्हें काम करने का लचीलापन (Flexibility) नहीं देतीं।

मैनेजर से अच्छे संबंध नहीं तो…

रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। 60% कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़ देना चाहते हैं, अगर उनके मैनेजर के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं। इस समय दुनिया भर में कार्यस्थल workplaces के माहौल में बदलाव देखने को मिल रहा है। कर्मचारी अब ऐसी जगह काम करना चाहते हैं जो उनके अनुकूल हो, जहां उन्हें समानता मिले और जो भविष्य के लिए तैयार हो। भारत में भी यही ट्रेंड दिख रहा है। रैंडस्टैड वर्कमॉनिटर सर्वे 22 सालों से चला आ रहा है। यह सर्वे दिखाता है कि कैसे तकनीक के बढ़ते प्रभाव, बदलते सामाजिक मूल्यों और उद्देश्यपूर्ण काम पर जोर देने से भारत में कर्मचारियों की सोच बदल रही है।

नौकरी ढूंढने वालों की संख्या बढ़ी

इस साल के सर्वे परिणाम से पता चलता है कि नौकरी ढूंढने वालों की संख्या थोड़ी बढ़ी है। यह 57% से बढ़कर 59% हो गई है। लेकिन, कर्मचारियों की प्राथमिकताओं में बड़ा बदलाव आया है। पहले पैसा सबसे महत्वपूर्ण होता था। अब काम का लचीलापन, अपनापन और सीखने-विकसित होने के मौके ज्यादा मायने रखते हैं।

सिर्फ पैसों के लिए काम नहीं करते

सर्वे बताता है कि कर्मचारी अब सिर्फ पैसों के लिए काम नहीं करना चाहते। वे ऐसा काम चाहते हैं जो उनके अपने मूल्यों और जीवन के लक्ष्यों से मेल खाता हो। नौकरी की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान और काम और निजी जीवन में संतुलन अब ज्यादा जरूरी हो गए हैं। पैसे का महत्व अब चौथे नंबर पर आ गया है। यह दिखाता है कि लोग नौकरी को अब सिर्फ कमाई का जरिया नहीं समझते।

काम की जगह से अपनापन

लगभग 69% भारतीय कर्मचारी काम की जगह पर अपनापन महसूस करना चाहते हैं। दुनिया भर में यह आंकड़ा 55% है। यह बदलाव दिखाता है कि लोग अब एक ऐसी कार्य संस्कृति चाहते हैं जहां सभी को समानता मिले। 67% कर्मचारी नौकरी छोड़ देंगे अगर उन्हें सीखने और विकास (L&D) के मौके नहीं मिलते। दुनिया भर में यह आंकड़ा 41% है। 43% भारतीय कर्मचारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ट्रेनिंग को सबसे जरूरी L&D मौका मानते हैं, जबकि दुनिया भर में यह आंकड़ा सिर्फ 23% है। AI एक तरह का कंप्यूटर प्रोग्राम है जो इंसानों की तरह सोच सकता है और काम कर सकता है।

सबको कम करने की आजादी चाहिए

रैंडस्टैड इंडिया के एमडी और सीईओ, विश्वनाथ पीएस कहते हैं, “भारतीय कार्यस्थल पर अलग-अलग पीढ़ियों की उम्मीदों में अब ज्यादा फर्क नहीं रह गया है। सभी उम्र के लोग काम का लचीलापन चाहते हैं। यह अब कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं, बल्कि एक बुनियादी जरूरत बन गई है। चाहे वो नौकरी शुरू करने वाले Gen Z हों, अपने करियर और निजी जिंदगी में संतुलन बनाने वाले Millennials हों, या फिर नेतृत्व की भूमिका में Gen X हों, सभी को अपने हिसाब से काम करने की आजादी चाहिए। कंपनियों को अब अपने काम करने के तरीके बदलने होंगे। लचीलापन अब एक फायदा नहीं, बल्कि काम का एक जरूरी हिस्सा होना चाहिए।”

लचीले काम के घंटे चाहिए

भारत में सभी पीढ़ियों के लोग दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा लचीले काम के घंटे चाहते हैं। इसकी वजह भारत की सामाजिक-आर्थिक और कार्यस्थल की खास परिस्थितियां हैं। Gen Z (62% भारत में बनाम 45% दुनिया भर में) लचीले काम के घंटे चाहते हैं क्योंकि वे ऐसे समय में नौकरी शुरू कर रहे हैं जब लंबा सफर तय करना पड़ता है, परिवार की जिम्मेदारियां होती हैं और नौकरी की कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है। ऐसे में काम और निजी जीवन में संतुलन बनाना बहुत जरूरी हो जाता है। कंपनी के मूल्यों का कर्मचारियों के मूल्यों से मेल खाना भी बहुत जरूरी है, खासकर सामाजिक और पर्यावरण के मुद्दों पर। 70% कर्मचारी कहते हैं कि वे ऐसी कंपनी में काम नहीं करेंगे जिसके मूल्य उनके मूल्यों से मेल नहीं खाते। काम का लचीलापन नौकरी चुनने का एक अहम कारण है, खासकर भारत में। 60% कर्मचारी ऐसी नौकरी नहीं करेंगे जहां काम के घंटे लचीले न हों, और 56% ऐसी नौकरी नहीं करेंगे जहां काम की जगह लचीली न हो। 73% कर्मचारियों का कहना है कि अगर कंपनियां लचीले काम के घंटे और जगह जैसे फायदे दें तो उनका कंपनी पर भरोसा बढ़ेगा।

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