दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च में 17 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी की असलियत अब परत-दर-परत सामने आ रही है। खुद को साधु बताने वाला यह बाबा दरअसल फर्जी दस्तावेज़ों और नकली पहचान के सहारे वर्षों से ठगी और शोषण का खेल खेल रहा था।
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फरीदाबाद के एक नामी स्कूल (मानव रचना स्कूल) को पत्र भेजकर खुद को ‘मिनिस्टर ऑफ स्टेट’ बताया था
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खुद को बताया ‘मिनिस्टर ऑफ स्टेट’
जांच में खुलासा हुआ है कि बाबा के पास से प्रधानमंत्री कार्यालय का फर्जी पहचान-पत्र मिला है। यही नहीं, बाबा ने फरीदाबाद के एक नामी स्कूल (मानव रचना स्कूल) को पत्र भेजकर खुद को ‘मिनिस्टर ऑफ स्टेट’ बताया था।
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फोटोशॉप फोटो
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नेताओं-संतों के साथ नकली तस्वीरें
पुलिस के हाथ ऐसे कई फोटो भी लगे हैं जिनमें बाबा खुद को देश के बड़े नेताओं और संतों के साथ जोड़ने की कोशिश करता दिखाई दे रहा है। दरअसल, ये तस्वीरें या तो फोटोशॉप की गई हैं या फिर झूठे दावों के सहारे खिंचवाई गई थीं।
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फर्जी डिग्री
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शिकागो यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री
बाबा के पास से यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की मास्टर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) की डिग्री भी मिली, लेकिन जब जांच शिकागो यूनिवर्सिटी तक पहुंची तो वहां से साफ जवाब मिला कि ऐसी कोई डिग्री हमने कभी जारी नहीं की। यानी बाबा की पढ़ाई-लिखाई भी सिर्फ एक दिखावा थी। बाबा अपने विजिटिंग कार्ड पर भी खुद को शिकागो यूनिवर्सिटी से पढ़ा हुआ लिखवाकर लोगों को गुमराह करता रहा।
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रामदेव और योगी की फोटो के साथ बाबा ने की छेड़छाड़
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पुराने पाप भी सामने आए
तफ्तीश में पता चला कि बाबा 1997 में रामकृष्ण मिशन से जुड़ा था, लेकिन 2002 में अकाउंट्स में हेराफेरी के चलते मिशन ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया था। पुलिस को इससे जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।