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Terrorism In Pakistan 2025,टीटीपी, बीएलए और इस्लामिक स्टेट… पाकिस्तानी सेना को घुटनों पर लाने वाले चरमपंथी समूह, अस्तित्व पर संकट – how ttp bla and isis-k brought pakistan army to its knees

Byadmin

Mar 21, 2025


इस्लामाबाद: पाकिस्तान आज खुद की बोई फसल काट रहा है। यह फसल इतनी जहरीली है कि इसने पाकिस्तान को तबाह करके रखा हुआ है। इसके बावजूद यह देश सुधरने को तैयार नहीं है और भावी पीढ़ी के दिमाग में उसी फसल को फिर से बो रहा है। इस फसल का नाम आतंकवाद है। पाकिस्तान अपनी स्थापना के समय से ही आतंकवाद का एक्सपोर्टर रहा है। इस आतंकवाद को पाकिस्तान की सेना ने अपने एक हाथ के तौर पर तैयार किया, लेकिन आज वही हाथ पाकिस्तान को लहूलुहान कर रहा है। इसका ताजा उदाहरण ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स की 2025 की रिपोर्ट में हुआ है।

आतंकवाद से बेहाल हुआ पाकिस्तान

ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (GTI) 2025 के अनुसार, पाकिस्तान में आतंकवादी हमले 2023 में 517 से बढ़कर 2024 में 1,099 हो गए। इसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने 482 हमले किए, जिसमें 558 लोग मारे गए। यह पिछले साल की तुलना में 91% की वृद्धि थी। TTP का फिर से उभरना कोई दुर्घटना नहीं है। यह पाकिस्तान की गुमराह विदेश नीति, सेना की नाकामी और अच्छा आतंकवाद-बुरा आतंकवाद जैसे दोनों पक्षों के साथ गेम खेलने का सीधा परिणाम है।

पाकिस्तान को उल्टी पड़ रही चाल

वर्षों से पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आतंकवादी समूहों को “रणनीतिक संपत्ति” के रूप में विकसित किया। पाकिस्तान ने इन आतंकवादियों का इस्तेमाल अफगानिस्तान और भारत को अस्थिर करने के लिए किया। जब 2021 में अफगान तालिबान ने काबुल में धावा बोला, तो पाकिस्तान के जनरलों ने जश्न मनाया, यह मानते हुए कि उन्होंने अगले दरवाजे पर एक कठपुतली शासन स्थापित किया है। हालांकि, जल्द ही उनका यह भ्रम टूट गया और वह आज तक उस गलती की कीमत चुका रहे हैं।

टीटीपी को रोकने के लिए गिड़गिड़ा रहा पाकिस्तान

अफगान तालिबान अब खुलेआम टीटीपी को पनाह दे रहा है, जिससे उन्हें फिर से संगठित होने और पाकिस्तान पर हमले करने के लिए सुरक्षित पनाह मिल रही है। कभी तालिबान को अपने इशारों पर नचाने वाला पाकिस्तान आज टीटीपी पर लगाम लगाने के लिए उनसे भीख मांग रहा है। हालांकि, तालिबान ने दो टूक शब्दों में पाकिस्तान के आरोपों को ठुकरा दिया है। तालिबान का दावा है कि पाकिस्तान अपनी अंदरूनी समस्या का ठीकरा अफगानिस्तान पर फोड़ रहा है।

बीएलए ने ट्रेन अपहरण कर दिखाई ताकत

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने अपने विद्रोह को और बढ़ा दिया है। इस समूह ने 2024 में 504 हमले किए, जबकि 2023 में यह संख्या सिर्फ 116 थी। 11 मार्च, 2025 को जाफर एक्सप्रेस में हुए बम विस्फोट में 21 नागरिक और चार सैनिक मारे गए। बीएलए ने इस ट्रेन का अपहरण कर लिया था। इस घटना ने पूरी दुनिया में पाकिस्तान की जगहंसाई करा दी थी। बीएलए ने दावा किया था कि उसने 150 से अधिक पाकिस्तानी सुरक्षाबलों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी। इस बीच, ISIS-K, हाफिज गुल बहादुर का गुट और 75 से ज्यादा छोटे आतंकवादी संगठन पाकिस्तान की अक्षमता का फायदा उठा रहे हैं।

इस्लामिक स्टेट भी पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बना

इस्लामिक स्टेट भी पाकिस्तान में तेजी से सिर उठा रहा है। हालांकि, ऐसी रिपोर्ट हैं कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने इस्लामिक स्टेट से एक गुप्त समझौता किया हुआ है। इस समझौते के तहत पाकिस्तानी सेना इस्लामिक स्टेट की मदद कर रही है। बदले में इस्लामिक स्टेट अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ हमले कर रहा है। इससे अफगानिस्तान में तालिबान के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं और पाकिस्तान इसका फायदा उठाने की ताक में है। इसके बावजूद पाकिस्तान में हुए कई आतंकवादी हमलों में इस्लामिक स्टेट का नाम आया है।

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