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Three More Innocent Children Lost Their Lives, 20 Children Dead So Far; Coldrif Company Owner To Be Arrested – Amar Ujala Hindi News Live

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Oct 8, 2025



Madhya Pradesh Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश में कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 24 घंटों में तीन और मासूमों ने दम तोड़ दिया। अब मरने वालों की संख्या 20 पर पहुंच गई है। छिंदवाड़ा में 17, पांढुर्ना में एक और बैतूल में दो बच्चों की मौत हो चुकी है। पांच बच्चे अब भी नागपुर में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। अब कोल्ड्रिफ बनाने वाली कंपनी के ऑनर को गिरफ्तार किया जाएगा। उसे पकड़ने के लिए दो टीम चेन्नई और काछीपुरम पहुंच चुकी हैं। 

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मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में छिंदवाड़ा, पांढुर्ना और बैतूल को मिलाकर अब तक 20 बच्चों की जान जा चुकी है। सरकार बहुत सख्त है। आरोपी कंपनी, कोल्ड्रिफ बनाने वाली कंपनी के ऑनर को गिरफ्तार करने के लिए छिंदवाड़ा पुलिस की टीम चेन्नई और काछीपुरम पहुंच चुकी है। आईएनएस के हड़ताल पर जाने पर शुक्ल ने कहा कि वो हड़ताल पर न जाएं, अपना काम करें। चार साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरफ न देने की जो भारत सरकार, आईसीएमआरसी की एडवायजरी है, उसका पालन करने का निवेदन किया है। शुक्ल ने कहा कि मैं कल नागपुर में गया था। वहां पांच बच्चे भर्ती हैं। वहां परिजनों से मिला और बच्चों की देखा। सभी लोग बच्चों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। 

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Three more innocent children lost their lives, 20 children dead so far; Coldrif company owner to be arrested

छिंदवाड़ा में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल
– फोटो : ANI


बीते 24 घंटे में तीन बच्चों की मौत

बता दें कि नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान तामिया की धानी डेहरिया (डेढ़ वर्ष), जुन्नारदेव के ज्यांशु यदुवंशी (2 वर्ष) और रीधोरा के वेदांश पवार (ढाई वर्ष) ने दम तोड़ दिया है। इन मौतों के बाद छिंदवाड़ा जिले में मृतकों की कुल संख्या 17 तक पहुंच गई है। पांढुर्ना में भी एक जान पहले जा चकी है। बैतूल में भी दो बच्चों की मौत हुई है। अब भी पांच बच्चे नागपुर के अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।

सिरप पीने के बाद बिगड़ी तबीयत, जांच में सामने आई बड़ी लापरवाही

जांच में सामने आया है कि कुछ निजी चिकित्सकों, जिनमें डॉ. प्रवीण सोनी का नाम प्रमुख है, ने बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ सिरप’ दी थी। सिरप पीने के कुछ घंटों बाद ही बच्चों की किडनी प्रभावित होने लगी और हालत लगातार बिगड़ती चली गई। मेडिकल जांच में इस सिरप में जहरीले रासायनिक तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है, जो शरीर में पहुंचकर किडनी को नुकसान पहुंचा रहा था। इसी कारण कई बच्चों की मौत किडनी फेल होने से हुई।

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Three more innocent children lost their lives, 20 children dead so far; Coldrif company owner to be arrested

कफ सिरप की वजह से धानी की मौत हुई
– फोटो : अमर उजाला


प्रशासन ने कसी नकेल: मेडिकल स्टोर सील, सिरप जब्त

जैसे-जैसे मौतों की संख्या बढ़ी, छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी। अपर कलेक्टर धीरेंद्र सिंह ने अब तक 16 मौतों की आधिकारिक पुष्टि की थी, जबकि वेदांश की मौत के बाद आंकड़ा 17 तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर स्वास्थ्य आपदा है, जिसे रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन ने पांच मेडिकल स्टोरों को सील किया है और संदिग्ध सिरप के सैंपल लैब जांच के लिए भेजे गए हैं। इसके अलावा गांव-गांव मुनादी करवाई जा रही है, ताकि लोग किसी भी प्रकार की कफ सिरप बच्चों को न दें।

सियासत भी गर्माई: कांग्रेस ने मांगा मुआवजा

इस त्रासदी पर अब राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने पीड़ित परिवारों के लिए 1-1 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा ने कहा है कि जांच पूरी पारदर्शिता से की जा रही है और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

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Three more innocent children lost their lives, 20 children dead so far; Coldrif company owner to be arrested

नकली कफ सिरप (सांकेतिक)
– फोटो : अमर उजाला


मासूमों की मौत से सन्नाटा, घरों में मातम

छिंदवाड़ा जिले के कई गांवों में शोक और भय का माहौल है। जहां कभी बच्चों की हंसी गूंजती थी, वहां अब सन्नाटा और आंखों में आंसू हैं। नागपुर में भर्ती बच्चों के परिजन अस्पतालों में दिन-रात डटे हुए हैं।

जांच समिति गठित, रिपोर्ट का इंतजार

प्रशासन ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए विशेष समिति गठित कर दी है। समिति यह पता लगाएगी कि जहरीली सिरप बाजार में कैसे पहुंची, किस स्तर पर लापरवाही हुई और दोषी कौन है। औषधि निरीक्षक दलों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे जिले के सभी मेडिकल स्टोरों की दवा जांच रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करें। 


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