चीन की अर्थव्यवस्था 2025 तक 19.5 ट्रिलियन डॉलर हो जाने की उम्मीद है। 2020 में यह 14.9 ट्रिलियन डॉलर थी। पिछले 5 सालों में चीन की अर्थव्यवस्था 31% बढ़ी है। लेकिन, उसका कर्ज-जीडीपी अनुपात 70% से बढ़कर 94% हो गया है। यह दर्शाता है कि विकास के लिए कर्ज पर निर्भरता चीन के लिए चुनौती बन रही है।
यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी ने स्थिर विकास दिखाया है। 2025 में इसकी जीडीपी 4.9 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो 2020 में 3.9 ट्रिलियन डॉलर थी। जर्मनी का कर्ज-जीडीपी अनुपात 68% से घटकर 62% हो गया है। यह कुशल वित्तीय प्रबंधन और मजबूत अर्थव्यवस्था का संकेत है।
भारत की जीडीपी में 60% ग्रोथ
वहीं, भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। 2025 में इसकी जीडीपी 4.3 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो 2020 में 2.7 ट्रिलियन डॉलर थी। 2020 से भारत की अर्थव्यवस्था में 60% की ग्रोथ हुई है। कर्ज-जीडीप अनुपात 88% से घटकर 83% हो गया है। यह वित्तीय अनुशासन को दर्शाता है।
ब्राजील की जीडीपी 2025 में 2.3 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो 2020 में 1.5 ट्रिलियन डॉलर थी। यह 56% की बढ़ोतरी को दर्शाता है। ब्राजील ने कर्ज-जीडीपी अनुपात 96% से घटाकर 92% कर दिया है।
जापान की स्थिति चिंताजनक
जापान की अर्थव्यवस्था सिकुड़ रही है। 2025 में इसकी जीडीपी घटकर 4.4 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान है, जो 2020 में 5.1 ट्रिलियन डॉलर थी। यह 13% की गिरावट है। इसके बावजूद जापान का कर्ज-जीडीपी अनुपात 258% से घटकर 249% हुआ है। फिर भी, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में जापान पर सबसे ज्यादा कर्ज का बोझ है।
ब्रिटेन की जीडीपी 2025 में 3.7 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान है, जो 2020 में 2.7 ट्रिलियन डॉलर थी। यह 38% की वृद्धि दर्शाता है। कर्ज-जीडीपी अनुपात 106% से घटकर 104% हुआ है, लेकिन सार्वजनिक कर्ज कम करना अभी भी एक बड़ी चुनौती है।
फ्रांस की जीडीपी 2025 में 3.3 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो 2020 में 2.6 ट्रिलियन डॉलर थी। यह 24% की ग्रोथ है। कर्ज-जीडीपी अनुपात 115% पर बना हुआ है, जो 2020 के समान है। अर्थव्यवस्था तो बढ़ी है, लेकिन वित्तीय अनुशासन अभी भी चिंता का विषय है।
इटली की जीडीपी 2025 में 2.5 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है। यह 2020 में 1.9 ट्रिलियन डॉलर थी जो 29% की बढ़त दर्शाता है। कर्ज-जीडीपी अनुपात 154% से घटकर 139% हो गया है, लेकिन कर्ज का बोझ अभी भी काफी ज्यादा है।
कनाडा ने अच्छी ग्रोथ दर्ज की है। 2025 में इसकी जीडीपी 2.3 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो 2020 में 1.7 ट्रिलियन डॉलर थी। कर्ज-जीडीपी अनुपात 118% से घटकर 103% हो गया है। यह 15% की कमी है, जो बेहतर वित्तीय स्वास्थ्य का संकेत है।
क्या बता रहे हैं ये आंकड़े?
जापान को छोड़कर इन सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने पिछले पांच वर्षों में सकारात्मक जीडीपी ग्रोथ दर्ज की है। टॉप 10 में भारत और ब्राजील सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं। कर्ज-जीडीपी अनुपात वित्तीय प्रदर्शन में अंतर को दर्शाता है। कनाडा, जर्मनी और इटली जैसे देशों ने कर्ज के प्रबंधन में उल्लेखनीय प्रगति की है, जबकि चीन का कर्ज का बोझ बढ़ रहा है।