मंदी की आशंका से नहीं किया जा रहा इनकार
ट्रंप ने मंदी की संभावना से भी इनकार नहीं किया है। अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों का कहना है कि इस अनिश्चितता के कारण मंदी की आशंका बढ़ सकती है। फेडरल रिजर्व ने भी इस अनिश्चितता पर ध्यान दिया है। उसने ब्याज दरों को स्थिर रखा है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए ज्यादा महंगाई और धीमी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि अनिश्चितता बहुत ज्यादा है।
रेटिंग एजेंसी फिच ने चेतावनी दी है कि ट्रंप की ओर से शुरू किए गए वैश्विक व्यापार युद्ध से वैश्विक विकास कम होगा। अमेरिकी उत्पादन धीमा होगा। साथ ही, कीमतें बढ़ेंगी और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती में देरी होगी।
फिच के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन कूल्टन ने कहा कि टैरिफ में ग्रोथ से अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ेंगी, वास्तविक मजदूरी कम होगी और कंपनियों की लागत बढ़ेगी। नीतिगत अनिश्चितता बढ़ने से व्यापार निवेश पर असर पड़ेगा।
अप्रत्याशित बने रहना चाहते हैं ट्रंप
इस अनिश्चितता का मुख्य कारण यह है कि ट्रंप टैरिफ को व्यापार में सुधार के बजाय नीतिगत मुद्दों को सुलझाने के लिए एक हथियार के रूप में देखते हैं। वह अपनी सौदेबाजी की ताकत बढ़ाने के लिए अप्रत्याशित बने रहना चाहते हैं। सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के आर्थिक सुरक्षा और प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष नवीन गिरिशंकर ने कहा कि ट्रंप 2.0 की शुरुआत में रणनीतिक तालमेल और प्रभावी समन्वय की कमी है। इस वजह से नीति में अस्थिरता आ रही है, जिसका असर वित्तीय बाजारों और अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
इन्वेस्टमेंट फर्म वेदा पार्टनर्स की आर्थिक नीति निदेशक हेनरिटा ट्रेज ने कहा कि सांसदों को उम्मीद है कि टैरिफ सिर्फ एक बातचीत की रणनीति है। जब इस बारे में निश्चितता होगी तो बाजार शांत हो जाएंगे। हालांकि, निवेशकों को अभी भी डर लग रहा है। कैपिटल हिल पर यह राय बन रही है कि 1 अप्रैल के बाद निश्चितता आ जाएगी और बाजार शांत हो जाएंगे। लेकिन, ज्यादातर निवेशकों को ऐसा नहीं लगता। वे मानते हैं कि अनिश्चितता से निकट भविष्य में अस्थिरता आएगी। इसका अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा। ट्रंप ने अपनी बातचीत की रणनीति के तहत टैरिफ को कम करने या हटाने की इच्छा दिखाई है। लेकिन, यह स्पष्ट नहीं है कि बाजार की प्रतिक्रिया से उनके फैसलों पर कोई असर पड़ा है। उनके शीर्ष आर्थिक सलाहकार भी उनकी नीतियों को बदलने के लिए तैयार नहीं दिखते हैं।
मंदी के लिए भी रेडी
वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने सीबीएस न्यूज से कहा कि ट्रंप के टैरिफ इतने महत्वपूर्ण हैं कि अगर इससे अमेरिका में मंदी भी आ जाए तो भी यह इसके लायक है। वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी मंदी की संभावना से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर दूसरे देश अपनी व्यापार बाधाओं को कम करते हैं तो कुछ टैरिफ को कम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि संरक्षणवाद एक अच्छी नीति है। उन्होंने फॉक्स बिजनेस नेटवर्क पर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ महत्वपूर्ण उद्योगों की पहचान की है जो हमसे दूर हो गए हैं। वह अमेरिका में मैन्यूफैक्चरिंग को वापस लाना चाहते हैं और इसलिए हम ये टैरिफ लगा रहे हैं।
लगातार चल रहे इस ड्रामे का असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। कंपनियों के बीच सौदे कम हो रहे हैं और कुछ तरह के व्यापार निवेश में कमी आ रही है। राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे लैरी समर्स ने कहा कि अगर ट्रंप अपने टैरिफ को कम भी कर देते हैं तो भी वह नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये बहुत ही समस्याग्रस्त कदम हैं, भले ही इन्हें वापस ले लिया जाए। इनसे बहुत ज्यादा अनिश्चितता पैदा होती है, जो अर्थव्यवस्था पर हावी रहती है।