अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी। भारत में अगले वर्ष अगस्त 2025 में क्वाड शिखर सम्मेलन होने वाला है। हालांकि इस सम्मेलन की तिथि तय नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप भारत आ सकते हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2020 में भारत की यात्रा की थी।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति का पद दोबारा संभालने वाले रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप को इस बार भारत आने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। क्वाड देशों (अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापान व भारत का संगठन) के शीर्ष नेताओं की आगामी बैठक भारत में ही होनी है।
ट्रंप बना सकते हैं रिकॉर्ड
भारत ने इस सम्मेलन की तिथि तय नहीं की है लेकिन पहले बताया गया है कि संभवत: जुलाई-अगस्त, 2025 में शिखर सम्मेलन की तारीख तय की जा सकती है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह पहला मौका होगा कि राष्ट्रपति पद संभालने के पहले वर्ष के भीतर ही किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत की यात्रा की हो। यदि ट्रंप सत्ता संभालने के पहले वर्ष ही भारत आते हैं तो वह ऐसा करने वाले प्रथम राष्ट्रपति बन सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपतियों का भारत दौरा
शीतयुद्ध के दौर (1950 से 1990 तक का दशक) में विरले ही कोई अमेरिकी राष्ट्रपति भारत की यात्रा पर आता था लेकिन पिछले पांच के पांच अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने भारत का दौरा किया है। अभी सितंबर 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए नई दिल्ली आये थे। हालांकि, बाइडन द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा पर भारत नहीं आ पाये हैं।
भारत-अमेरिका के रिश्ते
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2020 में भारत की यात्रा की थी। पीएम मोदी ने ट्रंप के पिछले कार्यकाल में कुल तीन बार मुलाकात की और हर मुलाकात भारत-अमेरिकी रिश्तों के लिहाज से मील के पत्थर साबित हुए। इन दोनों के बीच पहली मुलाकात जून, 2017 में हुई थी। कुछ महीने पहले ही राष्ट्रपति बने ट्रंप ने मोदी को व्हाईट हाउस में रात्रि भोज पर आमंत्रित किया।
ट्रंप के उक्त कार्यकाल में व्हाईट हाउस में रात्रि भोज करने वाले मोदी पहले वैश्विक नेता बने। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में सीमा पार आतंकवाद समेत हर तरह के आंतकवाद के खिलाफ भारत व अमेरिका ने बेहद सख्त शब्दों का इस्तेमाल किया और सीधे तौर पर पाकिस्तान को चेतावनी दी गई।
मोदी की अमेरिका यात्रा
मोदी ने यह यात्रा अगस्त 2019 में जम्मू व कश्मीर से धारा 370 हटाने के कुछ ही हफ्तों बाद की थी। भारत को इस बात की चिंता थी कि कहीं अमेरिका व दूसरे पश्चिमी देश इस फैसले के खिलाफ कोई कड़वी बात न कहें। ऐसा अमूमन नहीं हुआ। कई लोग बताते हैं कि ह्यूस्टन में पीएम मोदी की तरफ से ‘अबकी बार-ट्रंप सरकार’ का नारा कूटनीति साधने के लिए ही था।
मोदी-ट्रंप की मुलाकात
दोनों नेताओ के बीच तीसरी मुलाकात फरवरी 2020 में दो चरणों में पहले अहमबाद और फिर नई दिल्ली में हुई। ट्रंप सपरिवार पहले पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के अहमदाबाद पहुंचें। वहां उनकी आगवानी नवनिर्मित विशालकाल स्टेडियम में किया गया। ट्रंप की आगवानी के लिए तकरीबन एक लाख लोग स्टेडियम में उपस्थित थे। इस स्वागत से गदगद ट्रंप ने कहा कि आज के बाद भारत का मेरे दिल में हमेशा एक विशेष जगह होगी। अगले दिन नई दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई।
भारत-अमेरिका की रणनीति
संयुक्त बयान में बताया गया कि अमेरिकी सैन्य प्रौद्योगिकियों को भारत को देने की सहमति बनी है। हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी विस्तार से बात हुई थी। पहली बार भारत व अमेरिका में हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर मौजूदा साझेदारी को रणनीतिक तौर पर बदलने को लेकर बात हुई। यह बातचीत मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ भी चली है। ट्रंप के साथ सैन्य व रणनीतिक क्षेत्र में रिश्तों में और तेजी आने की संभावना है।
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