• Sat. Aug 9th, 2025

24×7 Live News

Apdin News

Trump Tariffs: तो सेल्फ गोल साबित होगा ट्रंप का आक्रामक रवैया, मजबूत होगी भारत-रूस की दोस्ती

Byadmin

Aug 9, 2025


भारत और रूस लंबे समय से मजबूत सहयोगी रहे हैं। इस बीच भारत अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करते हुए रूस के साथ रिश्तों को संतुलित करने का प्रयास कर रहा था। अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ टैरिफ वार छेड़ कर ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं जिनमें भारत और रूस की दोस्ती और मजबूत हो सकती है।

 जेएनएन, नई दिल्ली। भारत और रूस लंबे समय से मजबूत सहयोगी रहे हैं। इस बीच भारत अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करते हुए रूस के साथ रिश्तों को संतुलित करने का प्रयास कर रहा था। इसके पीछे एक सतर्क सोच भी थी कि अपने सारे अंडे एक ही टोकरी में न रखे जाएं।

अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ टैरिफ वार छेड़ कर ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं, जिनमें भारत और रूस की दोस्ती और मजबूत हो सकती है।

यही नहीं, विशेषज्ञ भारत, रूस और चीन की तिकड़ी के समीकरण की बात भी कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो यह अमेरिका के हितों के लिहाज से ट्रंप का सेल्फ गोल साबित होगा। आइए नजर डालते हैं कि नई दिल्ली, मॉस्को और बीजिंग में ट्रंप के टैरिफ के बाद किस तरह की हलचल है।

टैरिफ के बीच रूस पहुंचे अजित डोभाल

जब ट्रंप भारत के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने के लिए 24 घंटे की डेडलाइन दे रहे थे, उसी समय भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल रूस की यात्रा पर थे। यह महज संयोग भी हो सकता है लेकिन भूराजनीतिक घटनाक्रम में समय का बहुत महत्व होता है। डोभाल ने रूस के राष्ट्रपति वोलोदिमीर पुतिन से भी मुलाकात की।

उन्होंने मॉस्को में ही जानकारी दी कि पुतिन जल्द ही भारत आएंगे और उनके दौरे के लिए जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पुतिन की भारत यात्रा द्विपक्षीय संबंधों में नए आयाम जोड़ सकती है।

ट्रंप ने बताया था डेड इकोनमी

भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीद कर यूक्रेन युद्ध को फाइनेंस कर रहा है। उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि रूस और भारत मिलकर अपनी ‘डेड इकोनमी’ के साथ क्या करते हैं।

चीन जाएंगे पीएम मोदी

पुतिन की भारत यात्रा की घोषणा से ठीक पहले यह जानकारी सामने आई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एससीओ सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन जा सकते हैं। अगर पीएम मोदी चीन जाते हैं तो यह पिछले सात वर्ष में उनकी पहली चीन यात्रा होगी।

गलवान घाटी में चीन और भारत की सेनाओं के बीच खूनी भिड़त के बाद दोनों देश एक बार फिर द्विपक्षीय रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। मोदी का चीन में होना इन प्रयासों को और मजबूती दे सकता है।

भारत के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा ट्रंप प्रशासन

पिछले कुछ दशकों से भारत ने अमेरिका के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है। हालांकि, अब ट्रंप प्रशासन के तहत दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। ट्रंप ऐसे तौर-तरीकों से विदेश नीति संचालित कर रहे हैं, जो परंपरागत कूटनीतिक शिष्टाचार से मेल नहीं खाते।

वह ऐसा अपने करीबी सहयोगियों के साथ भी कर रहे हैं। भारतीय उत्पादों पर दंडात्मक टैरिफ लगाने के अलावा वह पाकिस्तान के साथ सैन्य स्तर पर भी करीबी बढ़ाते हुए दिख रहे हैं। हाल के समय में ट्रंप प्रशासन ने बार-बार ऐसे काम किए हैं जो द्विपक्षीय रिश्तों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं।

भरोसेमंद सहयोगी रहा है रूस

इसके विपरीत रूस भारत को लगातार हथियारों और तेल की आपूर्ति कर रहा है। उसने भारत की घरेलू या विदेश नीति की सार्वजनिक तौर पर कभी आलोचना नहीं की है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत अपने रक्षा और ऊर्जा आयात में विविधता लाने का प्रयास किया है, लेकिन रूस भारत की रणनीतिक जरूरतों के लिहाज से बेहद अहम देश बना हुआ है।

भारत को हथियार देने से अमेरिका ने कर दिया था मना

अमेरिका ने हथियार देने से मना किया तब रूस ने दिया साथ अंतिम सदी के छठे दशक में अमेरिका ने भारत को हथियार देने से मना कर दिया था तब भारत रक्षा उपकरणों के लिए रूस के पास गया। 1974 में भारत के परमाणु परीक्षण के बाद भी अमेरिका ने ऐसा किया, तब भी रूस ने ही भारत की रक्षा जरूरतें पूरी कीं।

शक की नजरों से भारत को देखता रहा है अमेरिका

वास्तव में अमेरिका में सत्ता में रहे लोग लंबे समय तक भारत को शक की नजर से देखते रहे, इसकी वजह से देशों के बीच कभी भी बहुत गर्मजोशी नहीं रही। 2000 में अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के बाद चीजें बदलीं। इसके बाद रणनीतिक भागीदारी का दौर आया। ट्रंप 2.0 के आने से पहले तक दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग तेजी से बढ़ रहा था।

यह भी पढ़ें- ‘आ सकती है 1929 जैसी महामंदी’, टैरिफ पर होगी बड़ी सुनवाई; अदालत के फैसले से पहले ट्रंप ने दी चेतावनी

By admin